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पनसारे की हत्या का संदिग्ध गोवा विस्फोट के साजिशकर्ता से परिचित : पुलिस

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पणजी| वामपंथी नेता गोविंद पनसारे की हत्या का मुख्य संदिग्ध सनातन संस्था का सदस्य रुद्र पाटिल 2009 के गोवा बम विस्फोट के मुख्य साजिशकर्ता के लगातार संपर्क में था। महाराष्ट्र पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि पाटिल वामपंथी नेता पनसारे की हत्या का मुख्य संदिग्ध है। वह 2009 के गोवा बम विस्फोट के बाद से फरार है। पुलिस ने यह भी कहा कि पाटिल सनातन संस्था के सदस्य समीर गायकवाड़ (32) से टेलीफोन से संपर्क में था। गायकवाड़ को भी पनसारे की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि सनातन संस्था की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “हमें पूरा यकीन है कि गोविंद पनसारे की हत्या में पुलिस द्वारा कोल्हापुर से गिरफ्तार सनातन संस्था के समीर गायकवाड़ बेगुनाह हैं।” उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दक्षिणी गोवा के मड़गांव में दीवाली पर हुए एक बम विस्फोट की जांच में पता चला था कि रुद्र पाटिल इस विस्फोट के मास्टरमाइंड मलगोंडा पाटिल के संपर्क में था।

गोवा की सनातन संस्था के पूर्णकालिक सदस्य मलगोंडा पाटिल और योगेश नाइक 16 अक्टूबर, 2009 को अपने स्कूटर पर मडगांव के एक दीवाली मेले में एक इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइज (आईईडी) ले जाते समय उसमें विस्फोट होने से मारे गए थे। इस साल 16 फरवरी को पनसारे और उनकी पत्नी की महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित उनके आवास के करीब गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पनसारे की चार दिन बाद मौत हो गई थी।

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केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एंबुलेंस के गलत इस्तेमाल को लेकर FIR, जानें क्या है मामला

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एंबुलेंस के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा है। उनके खिलाफ केरल पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जिस वाहन का प्रयोग केवल मरीजों के लिए किया जाता है, उसका इस्तेमाल करके मंत्री सुरेश गोपी ने नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। मंत्री के खिलाफ सीपीआई नेता सुरेश केपी ने शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि गोपी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि एंबुलेंस का इस्तेमाल बचाव के लिए किया गया था।

एफआईआर में कहा गया कि ‘गोपी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए अपने चुनाव प्रचार के लिए एंबुलेंस का मिसयूज किया। मरीजों के लिए बनाई गई एंबुलेंस को इस तरह के काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने प्रचार के लिए इसमें यात्रा की।’ इसपर गोपी ने अपना सफाई देते हुए कहा कि ‘उत्सव स्थल के पास उनकी कार पर हमला हुआ था, जिसके बाद वहां पर एंबुलेंस से बचाव का काम किया गया।’

मंत्री ने दावा किया कि उन्हें कुछ युवाओं ने बचाया था, जिन्होंने उन्हें उस एंबुलेंस में बैठाया था। इस दौरान वह एंबुलेंस पहले से ही उत्सव स्थल पर लोगों की मदद के लिए मौजूद थी। पुलिस ने बताया कि उनपर आईपीसी की धारा 279 और 34 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179, 184, 188 और 192 लगाई गई हैं।

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