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अन्तर्राष्ट्रीय

‘परमाणु समझौते पर खुशी मनाने का अभी वक्त नहीं’

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iran nuclear deal

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बीजिंग। तेहरान परमाणु समझौता भले ही संपन्न हो गया है, लेकिन इस पर खुशी मनाने का वक्त अभी नहीं आया है, क्योंकि ईरान तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने इसे पूर्ण रूप से लागू करने की बहुत बड़ी चुनौती बाकी है। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यह बात कही। एजेंसी ने बुधवार को अपनी समीक्षा में कहा, “एक दशक से अधिक समय की वार्ता के बाद चिर प्रतीक्षित ईरान परमाणु समझौते को आखिर एक आकार मिल गया।”

सिन्हुआ के लेखक लीयू चांग ने समीक्षा में कहा, “तेहरान परमाणु समझौता भले ही संपन्न हो गया है, लेकिन इसपर खुशी मनाने का समय अभी नहीं आया है, क्योंकि ईरान तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने इसे पूर्ण रूप से लागू करने की बहुत बड़ी चुनौती होगी।” समीक्षा में कहा गया है कि मंगलवार को हुए व्यापक समझौते के दौरान सभी वार्ताकार पक्षों – एक तरफ ईरान तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका तथा जर्मनी- ने मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति तथा लचीले रुख का प्रदर्शन किया।

साथ ही कहा गया कि यदि समझौते का प्रभावी व वफादारीपूर्वक क्रियान्वयन किया गया, तो यह मानवीय इतिहास में दुनिया के सबसे कठिन मुद्दों में से एक का शांतिपूर्ण व कूटनीतिक तरीके से समाधान का असाधारण रूप से सफल उदाहरण बन जाएगा। समझौते की पहली कड़ी परीक्षा यह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा रिपब्लिकन नियंत्रित अमेरिकी कांग्रेस को इस मुद्दे पर विश्वास में ले पाते हैं या नहीं, खासकर तब जब ओबामा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।

समीक्षा के मुताबिक, “समझौते से भविष्य में अमेरिका के पीछे हटने का एक प्रमुख कारण मध्य पूर्व में उसका निकटस्थ सहयोगी इजरायल हो सकता है।” समीक्षा में कहा गया है कि सबसे अफसोसजनक यह है कि इजराल मध्यपूर्व में ईरान को अपना कट्टर दुश्मन समझता है, जो लगातार समझौते का विरोध करता रहा है और समझौते को नुकसान पहुंचाने के किसी भी मौके को नहीं चूकना चाहेगा।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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