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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पाकिस्तान में गुटबाजी का फायदा उठा सकता है आईएस’

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि उसे लगता है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) देश के लिए एक संभावित खतरा है, जो देश के बदलते परिदृश्य का फायदा उठा सकता है और नई भर्तियां करके गुटबाजी का नाजायज लाभ उठा सकता है। समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सचिव मुहम्मद सादिक ने मंगलवार को एक दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में कहा, “यह कहना ईमानदारी नहीं होगी कि पाकिस्तान को आईएस से खतरा नहीं है।”

उन्होंने बताया, “आईएस का कथित तौर पर तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) और अफगानिस्तान तालिबान से संपर्क है।”

पिछले सप्ताह एक खबर आई थी कि सरकार ने कई शहरों में आईएस से जुड़े बहुत से लोगों को गिरफ्तार किया था।

देश में आईएस के दीवार लेखन और पत्रकों से यह आशंका और बढ़ गई है कि यह आतंकवादी संगठन देश में अपनी पैठ बना रहा है।

आईएस ने सीरिया और इराक में अपनी सफलता से आतंकवादी और सांप्रदायिक समूहों को आकर्षित किया है। टीटीपी के छह कमांडरों ने अक्टूबर में स्वयंभू खलीफा अबूबकर बगदादी के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी।

सादिक ने बताया, “आईएस ने यहां सुरक्षा परिदृश्य को चुनौती नहीं दी है, लेकिन यह इस क्षेत्र को संभावित भर्ती स्थल के तौर पर देखता है।”

उन्होंने बताया, “उत्तर वजीरिस्तान और खबर एजेंसी में सेना के अभियान के बाद टीटीपी के कमजोर होने और चरमपंथी हक्कानियों के विस्थापन के बाद आतंकवादी नए नेतृत्व और संसाधनों की खोज करेंगे और आईएस उनके लिए स्वाभाविक तौर पर आकर्षण का केंद्र है।”

उन्होंने कहा कि यदि अधिक क्रूर और भयानक समूह आईएस पाकिस्तान में तालिबान और अलकायदा की जगह ले लेता है, तो पाकिस्तान बहुत बड़े खतरे में पड़ सकता है।

‘फ्लैगशिप ऑफ साउथ एशियन सिक्युरिटी- अ रीव्यू ऑफ पॉलीटिकल एंड सिक्युरिटी आर्किटेक्चर इन सबकॉन्टिनेंट’ सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद के एक विचारमंच स्ट्रेटेजिक विजन इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया था।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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