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पाकिस्‍तान तो सुधरने से रहा

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मुख्यदमंत्री मुफ्ती मोहम्मलद सईद, घाटी के सांबा और कठुआ जिलों, पाकिस्तासन, अलगाववादी मर्सरत आलम, भारतीय राजनैतिक दलों

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नई दिल्‍ली। कहते हैं कि कुत्‍ते की पूंछ को बारह साल किसी नलकी में रखो, निकालोगे तो भी टेढ़ी की टेढ़ी ही रहेगी, कुछ ऐसा ही हाल हमारे पड़ोसी राष्‍ट्र पाकिस्‍तान का है। कितना भी समझा लो, वार्ताओं का दौर पर दौर चला लो पाकिस्‍तान सुधरने वाला नहीं। पिछले दिनों घाटी के सांबा और कठुआ जिलों में लगातार दो दिन हुए आतंकी हमले इस बात का प्रमाण हैं कि पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ सकता।

यहां तक कि इन घटनाओं के बाद मुख्‍यमंत्री मुफ्ती मोहम्‍मद सईद ने भी विधानसभा में पाकिस्‍तान से आतंकियों पर लगाम लगाने का कड़ा संदेश दिया, जबकि शपथ लेने के बाद सईद ने ही पाकिस्‍तान के पक्ष में विवादित बयान देकर पूरे देश में हलचल मचा दी थी।

यहां एक बात का जिक्र और जरूरी है, जिस अलगाववादी मर्सरत आलम को रिहा करने को लेकर पूरे देश में बवाल मचा, यहां तक कि जम्‍मू–कश्‍मीर की भाजपा-पीडीपी गठबंधन की सरकार भी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही थी उसी मर्सरत आलम को पाकिस्‍तान दिवस पर शामिल होने का न्‍योता भेजकर पाकिस्‍तान ने एकबार फिर भारत को चिढ़ाने का काम किया है।

भारत में पाकिस्‍तान के उच्‍चायुक्‍त अब्‍दुल बासित लगातार घाटी के अलगाववादियों के संपर्क में रहते हैं, जिसे किसी भी लिहाज से भारत-पाक रिश्‍तों के लिए अच्‍छा कदम नहीं कहा जा सकता। पाकिस्‍तान को यह बात अच्‍छी तरह समझ लेना चाहिए कि कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है और इस मुद्दे का अंतर्राष्‍ट्रीयकरण करने की पाकिस्‍तान की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो सकती।

इस संदर्भ में पाकिस्‍तान दिवस पर भारत की ओर से दिया गया संदेश समीचीन है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंक और हिंसा से मुक्‍त वातावरण के बीच ही पाकिस्‍तान के साथ सभी मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की जा सकती है। भारत सरकार का यह कथन भी सराहनीय है कि हुर्रियत नेताओं से पाकिस्‍तान की बातचीत के बावजूद भी उन्‍हें यह समझ लेना चाहिए कि हमारे बीच किसी तीसरे की गुंजाइश नहीं है और सभी द्विपक्षीय वार्ता सिर्फ शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के तहत ही हो सकता है।

भारत को शठे शाठ्यम समाचरेत की नीति पर चलते हुए पाकिस्‍तान को इसी तरह के कड़े संदेश देने की जरूरत है। पाकिस्‍तान सिर्फ इसी तरह की भाषा समझ सकता है। उससे किसी तरह की नरमी दिखलाए जाने की जरूरत नहीं है। पाकिस्‍तान द्वारा कश्‍मीर को मुद्दा बनाए जाने के खिलाफ सभी भारतीय राजनैतिक दलों को भी आपसी मतभेद त्‍यागकर एकजुट होने की जरूरत है क्‍योंकि यह राष्‍ट्रीय सुरक्षा का मसला है। पाकिस्‍तान कश्‍मीर सीमा से घुसपैठ की कोशिश लगातार करता आ रहा है ऐसे में बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के सभी को एकजुटता दिखानी चाहिए और पाक की नापाक कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। आखिर धरती का स्‍वर्ग हमारा ही तो है।

 

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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