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अन्तर्राष्ट्रीय

पिटाई के बाद भारतीय बुजुर्ग ने 5 बार कहा ‘नो इंग्लिश’

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वाशिंगटन। अमेरिका के अलबामा में बीते फरवरी में पुलिस अफसर के जुल्म का शिकार होने वाले एक भारतीय बुजुर्ग ने अफसर से 5 बार ‘नो इंग्लिश’ और 3 बार ‘इंडियन’ कहा था। सुरेशभाई पटेल नामक यह बुजुर्ग इस घटना से कुछ ही दिन पहले अपने पौत्र की देखभाल के लिए अमेरिका आए थे। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक अमेरिकी अटार्नी राबर्ट पोजी ने मैडिसन की जूरी को मंगलवार को बताया कि पटेल ने अपने बेटे के घर की तरफ इशारा भी किया था और अधिकारियों को अपने साथ घर तक ले जाने की कोशिश भी की थी।

पटेल को अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। ए वन डॉट कॉम के अनुसार, पूर्व मैडिसन अधिकारी एरिक पार्कर के खिलाफ रंग के आधार पर अधिकारों से वंचित करने का मामला फिर से चलाया जा रहा है। अभियोजन ने कहा कि जब पुलिस अफसर पटेल को जमीन पर गिराए हुए था, उस दौरान उन्होंने किसी भी तरह की कोई हरकत अचानक नहीं की थी।

पार्कर के खिलाफ मामला पहली बार बीते महीने खत्म हुआ था और निर्णायक मंडल किसी सर्वसम्मत नतीजे पर नहीं पहुंच सका था। निर्णायक मंडल में 10-2 के मत के साथ पार्कर को छोड़ देने की राय बनी थी। पोजी ने कहा कि पटेल के स्थिर खड़े होने के बावजूद पार्कर ने उन्हें धमकाना शुरू किया। उन्हें लात से मारा और सिर और कंधे से पकड़कर जमीन में धंसा दिया। इससे करीब डेढ़ मिनट तक बुजुर्ग पटेल मूर्छावस्था में रहे।

बचाव पक्ष के वकील राबर्ट टूटेन ने कहा कि बल के प्रयोग के लिए पटेल खुद जिम्मेदार हैं। टूटेन ने कहा, “जब आप अमेरिका आते हैं तो हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आप यहां के कानून का पालन करेंगे और हमारी भाषा बोलेंगे। इस घटना के लिए किसी और की ही तरह खुद मिस्टर पटेल भी जिम्मेदार हैं।” टूटेन ने कहा कि पटेल ‘स्टाप’ समझते हैं लेकिन पुलिस अफसर के कहने के बावजूद वह दो कदम आगे बढ़े। उन्होंने अपना हाथ जेब में डाल लिया जिससे यह आभास भी हो सकता है कि जेब से हथियार निकाला जाने वाला है। कहने के बावजूद उन्होंने जेब से हाथ नहीं निकाला। दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जो किसी पुलिस अफसर को सिर्फ इसलिए मार डालना चाहते हैं क्योंकि वह पुलिस अफसर है।

टूटेन ने कहा कि पटेल के साथ जो हुआ, दुखद हुआ लेकिन अफसर ने जान बूझकर कुछ नहीं किया। लेकिन, अभियोजन ने कहा कि सबूत बता रहे हैं और पार्कर भी जानते हैं कि उन्होंने जरूरत से अधिक बल प्रयोग किया था।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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