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प्रादेशिक

पूर्वांचल में किसानों को ‘कोल्ड चेन’ की सुविधा मुहैया कराएगा रेलवे

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विद्या शंकर राय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के लिए रेलवे ने खासतौर से एक ‘कोल्ड चेन’ का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके अंतर्गत सब्जियों एवं फलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए एवं दूरदराज तक पहुंचाने के लिए ‘एसी कंटेनर’ तैयार किए जाएंगे। इस परियोजना की शुरुआत रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के संसदीय क्षेत्र गाजीपुर से होगी और उसके बाद फिर इसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी लागू किया जाएगा। रेलवे की इस पहल से आने वाले समय में पूर्वांचल के किसानों को काफी लाभ मिलने की संभावना है।

रेलवे के अधिकारियों की मानें तो जौनपुर की मूली हो या तीखी हरी मिर्च, गाजीपुर का परवल हो या बंगालियों का पसंदीदा गोल बैगन। सीजन खत्म हो जाने के बाद भी लोगों को इन सब्जियों को तरोताजा मुहैया कराने के लिए कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने कवायद शुरू की है। कार्पोरेशन के सीनियर मैनेजर विनोद राय के मुताबिक खेत से निकली हरी सब्जियों को ताजा रखने और फिर थोक खुदरा व्यापारी या मंडी तक पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन की सुविधा उपल्ब्ध होगी।

राय के मुताबिक परंपरागत कोल्ड स्टोरेज से अलग ‘कंट्रोल्ड एटमास्फेयर टेकनीक’ वाले खास तरह के स्टोर तैयार किए जाएंगे। वहीं डिमांड के मुताबिक एक से दूसरे सिरे तक उत्पाद पहुंचाने के लिए एसी कंटेनरों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। कार्पोरेशन की माने तो गाजीपुर में अफीम फैक्टरी के पास खाली पड़ी जमीन पर इस कोल्ड चेन को तैयार किया जाएगा। 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाले अलग ढंग के स्टोर की क्षमता 800 टन होगी। इसको तैयार करने पर छह करोड़ की लागत आने का अनुमान है। रेल व सड़क मार्ग से जुड़ाव होने की वजह से किसानों का माल बिना खराब हुए मंडियों तक आसानी से पहुंच सकेगा।

गौरतलब है कि कोल्ड चेन का स्वरूप पारंपरिक कोल्ड स्टोरेजों से अलग और अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। ताजा सब्जियों एवं फलों को सुरक्षित रखकर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोल्ड चेन में सब्जियों की पैकिंग, ब्रांडिंग एवं निर्यात की भी व्यवस्था की जाएगी। आईटी नेटवर्क के जरिये स्टोर को एसी कंटेनरों की सहायता से बाजार से जोड़ा जाएगा।

ऐसा माना जा रहा है कि रेलवे के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पूर्वाचल के किसानों को काफी फायदा मिलेगा और वे अपनी सब्जियों को एसी कंटेनर के माध्यम से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। इस पहल के बाद सब्जियों के रखरखाव की समस्या भी हल होगी और सब्जियों को खराब होने से भी बचाया जा सकेगा। रेल राज्य मंत्री बनने के बाद ही सिन्हा ने गाजीपुर में फूड फैक्टरी खोलने की बात कही थी और जिसके बाद रेलवे की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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