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जासूसी कांड में अब तक 12 गिरफ्तार, राजनाथ बोले- नहीं बख्शेंगे दोषियों को

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नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी कांड का सनसनीखेज मामला और व्यापक रूप लेता जा रहा है। मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जासूसी कांड में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए और सात लोगों में शीर्ष ऊर्जा कंपनियों के पांच वरिष्ठ अधिकारी और दो परामर्शदाता शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक चोरी किए गए दस्तावेजों में ऊर्जा और कोयला मंत्रालय के दस्तावेज भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में वित्त मंत्री के आगामी केंद्रीय बजट भाषण के हिस्से तक शामिल हैं। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय से महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी करने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजनाथ ने कहा कि घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए सरकार की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम सतर्क नहीं होते, तो इस घोटाले का भंडाफोड़ नहीं हो पाता।

इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद कुल गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने बताया कि हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। रिलाइंस इंडस्ट्रीज के शैलेष सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केर्न्स के केके नाइक, जुबिलियंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के ऋषि आनंद शामिल हैं।’ ये गिरफ्तारियां शुक्रवार को की गई। सक्सेना रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक हैं,जबकि चंद्रा जुबिलियंट एनर्जी में सीनियर एग्जक्यूटिव हैं। वहीं, आनंद रिलायंस एडीएजी में डीजीएम हैं। विनय एस्सार में डीजीएम हैं जबकि नाइक केर्न्सव इंडिया में जीएम हैं।

पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मियों और तीन बिचौलियों की गिरफ्तारी के बाद दो ऊर्जा सलाहकारों..शांतनु सैकिया (पूर्व पत्रकार) और प्रयास जैन को इससे पहले दिन में गिरफ्तार किया गया। सैकिया अब एक वेब पोर्टल चलाता है। इन दोनों पर चोरी के दस्तावेज हासिल करने का संदेह है।

स्थानीय अदालत में पेश की गई एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों के पास से बरामद गोपनीय दस्तावेजों में वित्त मंत्री के बजट भाषण के लिए नेशनल गैस ग्रिड के बारे में जानकारी भी शामिल है। इसके अलावा पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का एक पत्र भी बरामद किया है।

जासूसी में शामिल थे मल्टी टास्किंग कर्मचारी

पुलिस के मुताबिक मंत्रालय में जासूसी में मल्टी टास्किंग कर्मचारी आसाराम और ईश्वर सिंह शामिल थे। ये दोनों ललता प्रसाद और राकेश कुमार को दस्तावेज चुराने में मदद करते थे। दोनों भाई मंत्रालय में अस्थाई कर्मचारी के तौर पर काम कर चुके हैं। मल्टी टास्किंग कर्मचारी वो होते हैं जो दफ्तर में पानी पिलाने से लेकर फोटोकॉपी कराने, फाइल पहुंचाने और दरवाजे पर बैठने का काम करते हैं। इन कर्मचारियों की अहम दस्तावेजों तक पहुंच थी।
आशाराम और ईश्वर सिंह काफी समय से शास्त्री भवन में काम कर रहे थे। इन्हें पता था कि सीसीटीवी कैमरे कहां से ऑन/आफ होते हैं। उस कमरे की दूसरी चाभी बनवा कर वे सीसीटीवी ऑफ कर देते थे। ईश्वर के बेटों ललता और राकेश ने इसी के जरिये जासूसी शुरू की गई। तीसरा शख्स राजकुमार चौबे है जो ड्राइवर था। ये सभी जानकारी निकालकर कंपनियों, थिंक टैंक और लॉबिस्टों तक पहुंचाते थे।

जासूसी से कंपनियों को फायदा

जासूसी से उन कंपनियों को सीधा फायदा हो सकता है जो मंत्रालय से जुड़ी हैं। ऐसी कंपनियों को फायदा हो सकता है जिनकी सरकार से मुकदमेबाजी चल रही है, वो जानना चाहेंगे कि कोर्ट में सरकार क्या पक्ष रखने वाली है। सरकार की भविष्य में क्या नीतियां रहेंगी ये पता चलना उन कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी हैं। इसीलिए पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों के जरिये सरकार का पक्ष जानने के लिए कागजात लीक करवाए गए हैं।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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