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IANS News

प्रथम पीढ़ी के इथेनॉल दूसरी पीढ़ी से अधिक सस्ता : इथेनॉल कारोबारी

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नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)| इथेनॉल कारोबार से जुड़ी एक कंपनी का कहना है कि प्रथम पीढ़ी का इथेनॉल दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल के मुकाबले सस्ता है, लेकिन सरकार इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के बजाय दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

एवरॉन केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ एसके तपुरिया ने कहा, भारत में इथेनॉल मिश्रण की अनिवार्यता पिछले कुछ साल में अपना महत्व खोता जा रहा है। पेट्रालियम मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों का ध्यान प्रथम पीढ़ी के इथेनॉल से ज्यादा दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल पर है जिसका पूरी तरह परीक्षण भी नहीं हुआ है और यह महंगा भी है।

उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मामलों की संसदीय समिति ने हाल ही में सरकार के देश में इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) की प्रगति पर खेद जताया और कहा कि सरकार को इथेनॉल खरीदने के प्रयासों में तेजी दिखानी चाहिए।

कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, संसदीय समिति ने कहा, वर्ष 2015-16 के दौरान, तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) ने 111 करोड़ लीटर इथेनॉल की खरीद की और पेट्रोलियम ईंधन में महज 3.5 प्रतिशत मिश्रण दर हासिल करने में सफल रही। वहीं, 2016-17 के दौरान, इथेनॉल की कुल खरीद 66.5 करोड़ लीटर थी और मिश्रण दर महज 2.05 प्रतिशत रही। इथेनॉल मिश्रण की दर 5 प्रतिशत तक ले जाने में सरकार नाकाम रही है।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने समिति को सूचित किया था कि वर्ष 2017-18 के दौरान 313 करोड़ लीटर इथेनॉल के लिए निविदाएं जारी की गई और अभी तक केवल 3.28 करोड़ लीटर इथेनॉल ही खरीदा जा सका है। समिति को सूचित किया गया कि ओएमसी की ओर से 140 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदने की संभावना है और इसलिए, पिछले साल की तुलना में खरीद अधिक हो सकती है।

मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के संबंध में, समिति ने अनुशंसा करते हुए कहा कि मंत्रालय को ईबीपी कार्यक्रम के तहत इथेनॉल की खरीद को तेज करने और ब्लेंडिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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