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प्रो-कबड्डी लीग में पदार्पण को आशावादी असम के अब्दुल

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नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)| प्रो-कबड्डी लीग के पांचवें सीजन के लिए सोमवार को होने वाली नीलामी में शामिल होने वाले खिलाड़ियों में 131 नई युवा प्रतिभाएं भी शामिल होंगी। इसमें एक नाम है पूर्वोत्तर भारत में स्थित राज्य असम के रहने वाले 19 वर्षीय खिलाड़ी अब्दुल आरिफ का।

इस बार कबड्डी लीग का लक्ष्य पूर्वोत्तर भारत में भी अपनी छाप छोड़ने का है।

असम के मध्य स्थित नगांव जिले से 26 किलोमीटर दूर रंगालो गांव के रहने वाले अब्दुल ने कबड्डी लीग के पिछले चार संस्करणों की सफलताओं को देखते हुए कबड्डी खिलाड़ी बनने का सपना देखा।

गरीब परिवार में जन्में छह भाई-बहनों में तीसरे नंबर के भाई अब्दुल ने स्कूल में अपने शुरुआती साल में इस खेल को गंभीरता से लिया। 2013 में उन्हें पड़ोसी गांव मोरीगांव में जूनियर अंतर-जिला टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए चुना गया था।

कबड्डी लीग सीजन-5 के लिए होने वाली नीलामी से पहले मुंबई में अंतिम प्रशिक्षण शिविर के अंत में आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में अब्दुल ने कहा, गरीब परिवार से होने के नाते मुझ पर स्कूल खत्म होने के बाद जल्द से जल्द कमाई का साधन ढूंढने की जिम्मेदारी थी। उन दिनों कबड्डी ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया और इसके बाद मैंने कबड्डी लीग देखना शुरू किया।

इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद अब्दुल अपना सपना पूरा करने की राह नहीं तलाश पा रहे थे।

भारत के लिए 2016 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे अनूप कुमार, राहुल त्रिवेदी और संदीप नरवाल को अपनी प्रेरणा मानने वाले अब्दुल ने वरिष्ठ अंतर-जिला टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, जिसमें उनके प्रतिनिधित्व में नगांव को दूसरा स्थान हासिल हुआ।

इसके बाद अब्दुल को प्रशिक्षण के लिए हरियाणा में सोनीपत भेजा गया। उन्होंने कोलकाता में ईस्ट जोन की टीम से खेलना शुरू किया। इस दौरान 2016 और 2017 में उनके प्रतिनिधित्व में नगांव ने अंतर-जिला टूर्नामेंट के खिताब जीते। इसके बाद स्टार स्पोर्ट्स के ‘टेलेंट हंट’ पैनल की नजर उन पर पड़ी।

अब्दुल ने कहा, प्रारंभ में प्रो-कबड्डी लीग के ट्रायल में 10 लड़के और 12 लड़कियां असम से थीं। यह ट्रायल कोलकाता में हुए थे। इन सब में से केवल मेरा चयन किया गया। इसके बाद दूसरा ट्रायल गांधीनगर में अप्रैल में हुआ।

उन्होंने कहा कि दूसरे ट्रायल में 150 लड़कों में से केवल 50 का चयन हुआ, जो अंतिम शिविर के लिए मुंबई गए। इन सभी शिविरों में उच्च स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं थी। विभिन्न मापदंडों के आधार पर प्रतिभागियों को आंका गया।

प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 की नीलामी का हिस्सा बनने वाली 131 युवा प्रतिभाओं में शामिल अब्दुल अपना सपना तेलुगू टाइटंस या पटना पाइरेट्स में रहकर पूरा करना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें किसी भी अन्य टीम की ओर से चुना जाता है, तो उन्हें कोई शिकायत नहीं होगी। वह अपना 100 प्रतिशत देंगे।

राज्य सरकार से नौकरी मिलने की दरकार के बारे में अब्दुल ने रहा कि उन्होंने हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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