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अन्तर्राष्ट्रीय

फूड पॉइजनिंग केस में पूर्व सीईओ को 28 साल की जेल

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वाशिंगटन। अमेरिका में नौ लोगों की जान लेने वाले साल्मोनेला (टायफाइड बुखार और फूड पॉइजनिंग से संबद्ध) प्रकोप के मामले में एक अमेरिकी कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को 28 साल कैद की सजा सुनाई गई है। यह कंपनी मूंगफली के खाद्य पदार्थ बनाती थी।

एक संघीय न्यायाधीश ने सोमवार को 61 साल के स्टीवर्ट पारनेल को सजा सुनाई। अमेरिका में फूड पॉइजनिंग के किसी मामले में यह अभी तक दी गई सबसे कड़ी सजा है। मामला 2008 का है। अब बंद हो चुकी कंपनी पीनट कॉरपोरेशन ऑफ अमेरिका के बनाए मूंगफली मक्खन पेस्ट के सेवन के बाद अमेरिका के 46 राज्यों में लोग साल्मोनेला की चपेट में आ गए थे। नौ लोगों की मौत हो गई थी। 714 लोग बीमार पड़ गए थे। यह हाल के दिनों में साल्मोनेला के फैलने का सबसे बड़ा मामला था। कंपनी ने बहुत बड़े पैमाने पर अपनी खाद्य सामग्रियों को बाजार से वापस ले लिया था।

स्टीवर्ट के भाई और कंपनी के कामकाज में शामिल माइकल पारनेल को 20 साल कैद और कंपनी के संयंत्र के गुणवत्ता की निगरानी करने वाली प्रबंधक मैरी विल्करसन को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। एक साल पहले दक्षिण जार्जिया में एक न्यायिक मंडल ने स्टीवर्ट पारनेल को धोखाधड़ी, साजिश और मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने जैसे 72 मामलों में दोषी पाया था। स्टीवर्ट पर जितने आरोप साबित हुए थे, उसके हिसाब से उन्हें 803 साल कैद की सजा हो सकती थी। लेकिन, खाद्य सुरक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि 28 साल कैद की सजा भी पर्याप्त है।

खाद्य सुरक्षा वकील और इस मामले में पीड़ितों की पैरवी करने वाले बिल मार्लर ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो यही कहूंगा कि उसे मिली सजा ही उपभोक्ताओं की जीत है। भले ही अधिकतम सजा न मिली हो लेकिन देश में फूड पॉइजनिंग के मामले में मिली यह सबसे लंबी सजा है। यह फैसला अमेरिका में (कंपनियों के) बोर्डरूम में सख्त और ठंडी हवा भेजने वाला साबित होगा।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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