लाइफ स्टाइल
बच्चों से लाड़ फायदेमंद या नुकसानदेह?
वाशिंगटन। अक्सर देखा जाता है कि माएं बच्चों से ज्यादा लाड़ जताकर और तोतली जुबान में बात करती हैं, जबकि पिता साफ लहजे और शब्दों में वार्तालाप करते हैं। पिता और बच्चों के बीच वार्तालाप पर किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि बच्चों से तोतली जुबान में बात करने से परहेज करने वाले पिता अपने बच्चों के लिए बाहरी परिवेश और माहौल में सामंजस्य बैठाने में सहायक होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो पिता अपने बच्चों से वयस्कों की तरह साफ शब्दों और लहजे में बात करते हैं, वे बच्चों को बाहरी दुनिया में घुलने-मिलने एवं दूसरों की बातों को समझकर वार्तालाप करने में उनके लिए मददगार साबित होते हैं।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के स्पीच एवं हियरिंग साइंस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मार्क वैनडैम ने कहा, “यह बुरी बात नहीं है। यह पिताओं की कमजोरी नहीं है।” वैनडैन ने कहा कि माएं जब अपने बच्चों से बात करती हैं, तो ज्यादा ही लाड़ में तोतली जबान में बोलती हैं, जबकि पिता बच्चों से वैसे ही साफ और सीधे लहजे में बात करते हैं, जैसे वे दूसरे वयस्कों से करते हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने दो से तीन साल की आयु वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को रिकॉर्डिग उपकरण देकर दिनचर्या की सामान्य बातें रिकॉर्ड करने के लिए कहा, ताकि अभिभावकों और बच्चों के बीच के वार्तालाप का अध्ययन कर सकें। वैनडैन का मानना है कि बच्चे का लिंग और उम्र भी पिता के साथ वार्तालाप के तौर-तरीके को प्रभावित कर सकता है। यह अध्ययन पिट्सबर्ग में आयोजित होने वाली एकॉस्टिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका की 169वीं बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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