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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश : भूस्खलन में मृतकों की संख्या 163 हुई

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ढाका, 18 जून (आईएएनएस)| बांग्लादेश में रविवार को बारिश के कारण हुए ताजा भूस्खलन में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, और इसके साथ ही भूस्खलनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 163 हो गई।

पिछले एक हफ्ते से देश में भारी मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलनों का सिलसिला जारी है। सामाचार एजेंसी एफे के अनुसार, खग्राचारी जिले में तीन बच्चों की मौत हो गई और एक महिला और उसकी बेटी की मौलवीबाजार में मौत हो गई।

खग्राचारी के पुलिस अधीक्षक अली अहमद खान ने कहा कि शनिवार रात बारिश के तेज होने के बाद रामनगर कस्बे में कीचड़ गिरने से एक मकान में सो रहे दो बच्चे जिंदा दफन हो गए।

अन्य कमरे में सो रहे उनके माता पिता को कोई छति नहीं हुई है।

मौलवीबाजार के पुलिस अधीक्षक मुहम्मद शाहजलाल ने कहा कि एक 40 वर्षीय महिला और उसकी 13 वर्षीय पुत्री की उनके घर पर भारी भूस्खलन से मौत हो गई।

इन ताजा घटनाओं में हुई मौतों के साथ ही पिछले गुरुवार को देश में हुए भूस्खलन के बाद मरने वालों की संख्या 163 हो गई है। इस आपदा को सरकार ने इतिहास में अब तक का सबसे भीषण भूस्खलन करार दिया है।

इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए रंगमती जिले के उपायुक्त मंजूरुल मन्नान ने कहा कि शनिवार को दो और शव पाए थे, जिससे जिले में मरने वालों की संख्या 113 हो गई थी।

लगातार बारिश से लोग भूस्खलन की संभावना से भयभीत हैं और इससे कई लोग अपने घरों में खतरा होने के मद्देनजर गुरुवार से शुरू हुए 17 सरकारी आश्रयों में शरण लिए हुए हैं।

मन्नान ने कहा, कुछ आश्रयों से चले गए थे, लेकिन वे वापस लौट रहे हैं। हमारे लोग हाथों में लाउडस्पीकर लेकर उन्हें वापस लौटने के लिए कह रहे हैं।

पिछले शनिवार को शुरू हुई बारिश गुरुवार और बुधवार को तेज हो गई थी, और रंगमती में 343 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

बांग्लादेश मौसम विभाग(बीएमडी) के स्थानीय प्रवक्ता आरिफ हुसैन ने कहा कि बीएमडी ने रविवार को रंगमती में केवल छह घंटों में 68 मिमी की बारिश दर्ज की गई है।

आपदा प्रबंधन मंत्रालय पीड़ितों को सहायता देने और प्रभावित क्षेत्रों में हुई क्षति का आंकलन कर रही है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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