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प्रादेशिक

बांद्रा पूर्व, तासगांव विधानसभा उपचुनाव में प्रतिष्ठा की लड़ाई

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मुंबई/सांगली। महाराष्ट्र के बांद्रा पूर्व और तासगांव-कवठेमहाकाल विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव के तहत शनिवार सुबह मतदान शांतिपूर्ण रूप से शुरू हुआ। चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ। क्षेत्रों में विभिन्न मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता एवं ब्रांद्रा पूर्व से विधायक बाला सावंत तथा तासगांव-कवठेमहाकाल के विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के आर.आर. पाटिल का निधन हो जाने के कारण दोनों सीटों पर उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी। बांद्रा पूर्व सीट के लिए कांग्रेस ने अपने प्रभावी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला शिवसेना की उम्मीदवार, दिवंगत विधायक बाला सावंत की पत्नी तृप्ति सावंत और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार राजा रहबर खान से है।

यह सीट शिवसेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी का मजबूत गढ़ है और यहां पार्टी के संस्थापक-संरक्षक दिवंगत बाल ठाकरे का निवास मातोश्री स्थित है, जहां से वह पार्टी के कार्यो का संचालन भी करते थे। कांग्रेस के लिए भी इस बार यह सीट जीतकर पिछले साल के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार का बदला लेने का अवसर हो सकता है। हालांकि कांग्रेस को डर है कि एआईएमआईएम के सशक्त उम्मीदवार की उपस्थिति से इस सीट पर उनके धर्मनिरपेक्ष मत बंट सकते हैं और इसका लाभ शिवसेना को मिल सकता है।

विधानसभा उपचुनाव में तासगांव-कवठेमहाकाल सीट पर सुमन आर. पाटिल को राज्य की सभी बड़ी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विद्रोही नेता स्वप्निल पाटिल ने राजनीतिक माहौल गड़बड़ा दिया है। बांद्रा पूर्व में कुल 2,66,000 मतदाता 264 मतदान केंद्रों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। वहीं, तासगांव-कवठेमहाकाल में 2,69,000 मतदाता 285 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उपचुनाव की मतगणना 15 अप्रैल को होगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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