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नेशनल

बांधों का पानी गणेश विसर्जन के लिए न दें : एनजीटी

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पुणे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक एन्वॉयरमेंट इंटरेस्ट लिटिगेशन (ईआईएल) पर विचार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभागों को नोटिस जारी कर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए राज्य के बांधों का पानी छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। एनजीटी ने कहा है कि बांधों का पानी शोधित कर पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जाता है, इसे बर्बाद न होने दें।

एनजीटी ने राज्य सरकार, कलेक्टर, पुणे नगरपालिका के आयुक्त, सिंचाई विभाग, पुलिस उच्चायुक्त, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग और कई अन्य को नोटिस दिया है। साथ ही अधिकारियों को गुरुवार को एनजीटी की पश्चिमी शाखा में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए संबंधित विभाग द्वारा खडकवासला बांध से पानी छोड़ने के खिलाफ अधिवक्ता शिवानी डी. कुलकर्णी द्वारा ईआईएल फाइल की गई थी।

कुलकर्णी ने कहा था कि महाराष्ट्र और जिले के कई हिस्सों में सूखे की स्थिति को देखते हुए बांध से पीने का पानी नहीं दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील असीम सरोद ने बताया, “हमने लोगों से कहा है कि धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन द्वारा तैयार विसर्जन के अप्राकृतिक स्थलों का इस्तेमाल करें। यह न केवल पीने के पानी की बर्बादी रोकेगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।”

कुलकर्णी ने यह भी कहा कि किसी भी प्रतिमा को प्राकृतिक या अप्राकृतिक स्रोतों जैसे नदियों, तालाबों, झीलों, नहरों आदि में विसर्जित करने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। केवल तय आप्राकृतिक विसर्जन स्थलों पर ही इसकी इजाजत दी जानी चाहिए। पुणे में लुप्त होती नदियों और विभिन्न बांधों और जलाशयों में पानी के गिरते स्तरों के मद्देनजर यह मामला और भी गंभीर है। पुणे में विसर्जन के दो मुख्य दिनों (गणेशोत्सव के पांचवें और अंतिम दिन) में विसर्जन के लिए प्रतिदिन लगभग 0.1 टीएमसी पानी छोड़ा जाता है जो कि पूरे पुणे शहर की चार दिन की पानी की आपूर्ति के बराबर है। याचिकाकर्ता ने कहा कि खडकवासला बांध से छोड़े जाने के बाद यह अत्यंत प्रदूषित हो जाता है और किसी भी उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं रहता।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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