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बाढ़ की चपेट में 80 लाख लोग, 160 की मौत

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नई दिल्ली/कोलकाता। राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मणिपुर और ओडिशा में भारी बारिश और बाढ़ से 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 80 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान गुजरात में बारिश से करीब 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 53 लोगों की जान जा चुकी है। उधर, मणिपुर में दो दिनों से बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। यहां तीन और लोगों की मौत के साथ बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 24 जानें जा चुकी है। भूस्खलन से तबाह हुए चंदेल जिले के 20 गांवों में एनडीआरएफ की टीमें उतार दी गई हैं।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया है। गुजरात में बाढ़ पीड़ित लोगों को 10 लाख से अधिक खाने के पैकेट हवाईजहाज के जरिए गिराए गए हैं। लोगों की जरूरत को देखते हुए अस्थाई राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। गुजरात में राहत और बचाव अभियान में एनडीआरएफ की 17 टीमें तैनात की गई हैं। प.बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। पुलिस ने बताया कि उत्तर 24-परगना जिले में रविवार को सुबह बिजली गिरने से चार युवकों की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। कई इलाकों में इमारतें ढह गई हैं। ऐसे ही हादसों में मुर्शिदाबाद, बांकुड़ा और हावड़ा में तीन लोगों की मौत हो गई। राज्य में बाढ़ से 12 जिलों के 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इससे लगभग दो लाख घरों को नुकसान पहुंचा है और एक लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं।

राजस्थान में बाढ़ से 28 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के जालौर, झालावाड़, बारां, सिरोही, बाड़मेर और डुंगरपूर में स्थिति गंभीर है। 644 गांवों के 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।

पहाड़ों पर बारिश से बढ़ी मुसीबतें, केदारनाथ यात्रा बाधित

देहरादून/जम्मू। पहाड़ों पर हो रही बारिश परेशानी का सबब बनती जा रही है। उत्तराखंड में बारिश के चलते बढ़ी भूस्खलन की घटनाओं के बीच केदारधाम यात्रा पर ब्रेक लग गया है। उधर, मंसा देवी पहाड़ी से शनिवार की रात को भारी पत्थर गिरने से नीचे बसे लोगों में दहशत बनी रही। पूरी रात लोगों ने जागकर गुजारी।

लक्सर में बारिश के बाद सोलानी नदी के बढ़े जलस्तर से हस्तमौली के पास तटबंध का 50 मीटर का हिस्सा बह गया। इससे दर्जनों गांवों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। उधर, जम्मू-कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। विश्वविख्यात स्कीइंग पर्यटक स्थल गुलमर्ग में भी मौसम ठंडा बना हुआ है। उत्तराखंड में रविवार तड़के से केदार घाटी में हो रही बारिश के कारण सोनप्रयाग पैदल पुल के निकट मुनकटिया में मलबे के कारण सोनप्रयाग से बाबा केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू नहीं हो पाई। वहीं शनिवार देर रात को धरासू नालूपाणी में भूस्खलन सक्रिय होने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया था। रविवार सुबह करीब साढ़े सात बजे बीआरओ ने यहां जमा मलबा साफ कर यातायात सुचारु किया। मौसम विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि फिलहाल दो दिन भारी बारिश से राहत रहेगी। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में फिलहाल भारी बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। राजस्थान के सिरोही जिले में हुई भारी बारिश के चलते धनेरा में रेलवे लाइन के नीचे की जमीन पानी में बह गई और रेल की पटरियां हवा में लटकने लगीं।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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