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अन्तर्राष्ट्रीय

बाली ज्वालामुखी के पास से 75,000 लोगों को निकाला गया

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जकार्ता, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| इंडोनेशियाई द्वीप बाली में स्थित एक बड़े ज्वालामुखी माउंट अगुंग के आसपास झटकों की बढ़ती संख्या के कारण करीब 75,000 लोगों को इलाके से बाहर निकाला गया है।

राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, माउंट अगुंग एक नाजुक चरण में प्रवेश कर रहा है। हालांकि, 22 सितम्बर से ही अलर्ट का शीर्ष स्तर घोषित किया गया है लेकिन यह निश्चित नहीं है कि ज्वालामुखी फटेगा ही।

उन्होंने कहा कि अगुंग में ज्वालामुखीय गतिविधि लगातार बढ़ रही है और इसका लावा ऊपरी सतह की तरफ बढ़ रहा है।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, सोमवार को माउंट अगुंग में 547 ज्वालामुखीय भूकंप रिकार्ड किए गए जोकि 22 सितम्बर को रिकार्ड किए गए 119 भूकंपों से चार गुना ज्यादा थे। यह दर्शाता है कि लावा ऊपर की तरफ बढ़ने की संभावना है।

एजेंसी का कहना है कि करीब 80,000 निवासी करंगसाम जिले में ज्वालामुखी के आसपास के 12 किलोमीटर के इलाके में रहते हैं। इस क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।

इंडोनेशियन रेड क्रॉस सदस्यों ने चेतावनी के संकेत लगा दिए हैं।

स्थानीय अधिकारियों ने पर्यटकों को आश्वस्त किया है कि समूचा द्वीप पर्यटन के लिए खतरनाक नहीं है और बाली का गुरह राय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सामान्य रूप से काम करेगा। हालांकि, दूतावासों ने ज्वालामुखी फटने की स्थिति में उड़ानों के रद्द होने की संभावना की चेतावनी दी है।

एजेंसी ने 21 सितम्बर को अपने एक बयान में कहा था कि वर्तमान झटके 1963 में माउंट अगुंग में आए झटकों के समान है। 1963 में इसके कारण 1100 लोगों से अधिक की जान गई थी।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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