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प्रादेशिक

बिहार : बाजार में आम की अधिक आमद, आमजन की बल्ले-बल्ले

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पटना। बिहार में आम की अधिक पैदावार होने और अधिक गर्मी के कारण जल्दी पक जाने से अधिक लाभ की उम्मीद लगाए बैठे उत्पादक चिंता में पड़ गए हैं। हालांकि समाज में सभी इस बात को लेकर चिंतित नहीं हैं। राज्य के कई हिस्सों में जो लोग पहले आम खरीद नहीं पाते थे, वे इस बार खुशी से झूम रहे हैं, क्योंकि आम की कीमत कई जगहों पर पांच-आठ रुपये प्रति किलोग्राम चल रही है।

एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, “इस पर विश्वास नहीं होता, लेकिन अधिक पैदावार और भीषण गर्मी के कारण फल के जल्द पक जाने के कारण बिहार के कुछ हिस्सों में आम की विभिन्न किस्में पांच-आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही हैं।” भागलपुर के एक बागवानी अधिकारी वी.के. पंडित ने कहा कि इस मौसम में भागलपुर जिले में अनुमानत: 85 हजार टन आम तोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि पैदावार बढ़ने और पड़ोसी राज्य झारखंड तथा बिहार के कई हिस्सों में मांग घट जाने से आम की कीमत घट गई है।

भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग के अध्यक्ष विश्व बंधु पटेल ने कहा कि इस साल के शुरू में हुई बारिश के कारण आम का विकास तेजी से हुआ और उसके बाद तापमान बढ़ने से फल तेजी से पक गया, जिसने तबाही की पूरी स्थिति पैदा कर दी। भागलपुर और बांका के किसान इस स्थिति से बिल्कुल खुश नहीं हैं। एक किसान हरदेव सिंह ने कहा, “बेहतर फसल के कारण इस साल हमें अधिक लाभ की उम्मीद थी, लेकिन अधिक उत्पादन और भीषण गर्मी के कारण तेजी से पक जाने के कारण बाजार में आम की अचानक आपूर्ति बढ़ गई और कीमत घट गई।” एक अन्य किसान प्रकाश मंडल ने कहा कि इस क्षेत्र में अबतक 50 फीसदी तुड़ाई हो चुकी है।
उन्होंने निराशा के साथ कहा, “आने वाले दिनों में आपूर्ति बढ़ने तथा कीमत घटने की उम्मीद है।” वहीं भागलपुर के एक खरीदार मुबारक अंसारी ने खुशी जताते हुए कहा, “अधिक उत्पादन के कारण मैं इस साल पांच-आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आम खरीद रहा हूं।”

दिल्ली में मजदूरी करने वाले अंसारी ने बताया कि जून के शुरू में दिल्ली में आम की कीमत 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पटना में भी यह 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। बांका जिले के कृषि मजदूर सरयू मंडल ने कहा, “हमने खाने में चावल-रोटी हटाकर आम शामिल कर लिया है। बांका के साहेबगंज प्रखंड में दो किलोग्राम आम 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है।”

उद्योग संघ एसोचैम ने मई के अंतिम सप्ताह में कराए गए एक सर्वेक्षण में कहा था कि बेमौसम बारिश के कारण कई राज्यों में आम की फसल काफी बर्बाद हुई, इसलिए यह महंगी हो गई है और बाजार में 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहे है। जबकि खास किस्में और महंगा बिक रही हैं। सर्वेक्षण में चाहे कुछ भी कहा गया हो, बिहार के भागलपुर और बांका जिले के आम लोग शिकायत नहीं कर रहे हैं। कम से कम इस साल तो नहीं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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