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बुक फेयर ‘गागर में सागर’ में साहित्य का अच्छा कलेक्शन

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Book fairलखनऊ। मोतीमहल लॉन में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले ‘गागर में सागर’ का शनिवार को दूसरा दिन था। संयोजक देवराज अरोड़ा ने कहा कि जैसा इसे नाम दिया गया है वैसा यहां नजर भी आ रहा है। पुस्तक मेला देखने आ रहे लोगों को यह छोटा दिखेगा लेकिन पाठक यहां जिन लेखकों की पुस्तकें तलाशने आएंगे, वह यहां उन्हें मिलेंगी।

इस पुस्तक मेले में महेश कटारे की पुस्तक समय के साथ-साथ, रवीन्द्र कालिया की पुस्तक उर्दू की बेवफा कहानियां, मैत्रेयी पुष्पा की पुस्तक आरक्षित, खगेन्द्र ठाकुर की पुस्तक सेन्ट्रल जेल, शेखर जोशी की पुस्तक बंधुआ रामदास, अमिता दुबे की पुस्तक उलझन और ममता कालिया की पुस्तक मेरी चुनिन्दा प्रेम कहानियां जैसी चर्चित किताबें सिर्फ 50-50 रुपए कीमत में उपलब्ध होंगी।

इस पुस्तक मेले में हिन्दी साहित्य का अच्छा कलेक्शन पाठकों के लिए मौजूद है। गीत सम्राट गोपाल दास नीरज की तमाम किताबें यहां से खरीदी जा सकती हैं। पंडित नेहरू के पिता के पत्र पुत्री के नाम भी यहां मौजूद है।

शनिवार को बुक फेयर के दूसरे दिन डॉ. अर्चना प्रकाश के भक्तिकाव्य दुर्गा अर्चनांजलि का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण उत्तर प्रदेश की पूर्व गृह मंत्री और सुपरिचित साहित्यकार स्वरूप कुमारी बक्शी, इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीन, डॉ. उषा चौधरी, आशा श्रीवास्तव और डॉ. अशोक शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

श्री दुर्गा सप्तशती पर आधारित काव्यकृति में भक्तों को मां दुर्गा पर एक से बढक़र एक शानदार भजन पढऩे को मिलेंगे। शनिवार को ही वीर विक्रम बहादुर मिश्र और सुश्री स्नेह लता ने शीला शर्मा की पुस्तक अपरिभाषित रिश्ते का भी लोकार्पण किया। स्नेहलता ने इस मौके पर कहा कि यह कृति सामाजिक व चारित्रिक मूल्यों का संरक्षण करती नजर आएगी।

मेले के मुख्य मंच पर प्रख्यात साहित्यकार मुद्राराक्षस की स्मृतियां भी साझा की गईं। शिव मूर्ति, वीरेंद्र यादव, राकेश, कौशल किशोर और सुभाष राय ने मुद्रा राक्षस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। मुद्राराक्षस के प्रेम व्यवहार, रोज ना मिलने का उलहाना देना और बिना किसी सम्मान के सहर्ष साथ जाने को तैयार रहने की आदत उन्हें दूसरों से अलग करती थी। उनके जैसा व्यक्तितव विरले ही लोगों को मिलता है। जो संघर्ष के लिए भी प्रेरित करता है।

राकेश ने मुद्राराक्षस को याद करते हुए कहा कि बनारस से मगहर की पद यात्रा हजरतगंज से चिनहट की पदयात्रा के जरिये कबीर के पदचिन्हों को तलाशने का काम किया। शिवमूर्ति ने कहा कि मुद्रा जी में सभी आयाम मौजूद थे। वह कलाकार, लेखक, समाजसेवी और दो टूक बोलने की आदत वाले शानदार इंसान थे।

राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हुए कवि सम्मेलन में मुकेशानन्द ने कोख में मारी जा रही बेटियों को बचाने का सन्देश देते हुए कहा कि कोख में मत मारो बेटियों को कोख का कर्ज चुकायेगी, बेटे होंगे नाकारा जब बेटियां बेटों का फर्ज निभाएंगी। अनिल कुमार गुप्त निडर ने कहा कि भारत मां के अमर सपूतों, आगे बढक़र आना होगा। कवि सम्मेलन में अगीत विधा के जनक डॉ. रंगनाथ मिश्र सत्य, साहब दीन, मुरली मनोहर कपूर, बेअदब लखनवी, आर.के.सरोज, मृत्युंजय गुप्ता, सुनील कुमार तिवारी, प्रेम शंकर शास्त्री, विशाल मिश्र, मंजुल और डॉ. श्याम गुप्ता की रचनाएं खूब सराही गईं। मेले में आयोजित बच्चों की प्रतियोगिता के बारे में ज्योति रतन ने बताया कि नृत्य में अभिश्री, तनिष्का और अश्वित आदि ने अपने शानदार नृत्य से लोगों का दिल जीत लिया।

राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 16 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम
11 से 12:30 कला संवाद : डॉ. शेफाली भटनागर की पुस्तक का लोकार्पण
एक से 2:30 तक व?ाहत अली संदेलवि की कृति ‘फसादी चाचा’ का लोकार्पण
3 बजे से 4:30 बजे तक अंशु टंडन की नाट्य कृतियों पर चर्चा
5 बजे से 6:30बजे तक लता गोयल, संध्या त्रिपाठी, माहे तिलत सिद्दीकी का रचना पाठ
क्राफ्ट वर्कशॉप द्वारा जयन्तिका
मुशायरा: संयोजक संजय मिश्रा शौक

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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