Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

बोश का शुद्ध लाभ 11.6 फीसदी घटा

Published

on

बेंगलुरू,जर्मनी,कंपनी बोश लिमिटेड,भारतीय सहायक इकाई,कारोबारी

Loading

बेंगलुरू | जर्मनी की वाहन कंपनी बोश लिमिटेड की भारतीय सहायक इकाई ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारित कारोबारी साल 2014-15 की चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ साल-दर-साल आधार पर 11.6 फीसदी घटकर 288 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 326 करोड़ रुपये था। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में शुक्रवार को दी गई नियमित सूचना में कंपनी ने कहा कि उसकी कुल आय चौथी तिमाही में 2.5 फीसदी घटकर 2,522 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 2,587 करोड़ रुपये थी।

15 महीने वाले विस्तारित कारोबारी वर्ष (जनवरी 2014 से मार्च 2015) में वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली इस कंपनी का शुद्ध लाभ 1,338 करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल आय 12,651 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने एक बयान में कहा, “बोर्ड द्वारा पांच जून 2014 को कारोबारी वर्ष को जनवरी-दिसंबर से बदलकर अप्रैल-मार्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के कारण कंपनी के लिए मौजूदा कारोबारी वर्ष 15 महीने का (एक जनवरी 2014 से 31 मार्च 2015 तक) होगा। इसलिए गत 15 महीने के कारोबारी वर्ष के आंकड़ों की तुलना इससे एक साल पहले के आंकड़े के साथ नहीं की जा सकती है।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending