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प्रादेशिक

भाजपा को वोट मतलब आरक्षण के खिलाफ वोट देना : मायावती

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mayawati rallyएटा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान के तहत एटा पहुंचीं बसपा मुखिया मायावती ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जहां सपा सरकार पर वार किए, वहीं आरक्षण और नोटबंदी पर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा।

बसपा मुखिया ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि भाजपा अपने मार्गदर्शक आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही है। बाबा साहेब के प्रयासों से मिले आरक्षण और अन्य सुविधाओं को भाजपा आरएएस के एजेंडे पर चलकर खत्म कर सकती है। इसलिए भाजपा को वोट देने का मतलब खुद के आरक्षण के खिलाफ वोट देना है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आर्थिक आधार पर भी आरक्षण की मांग करती है। मायावती ने कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था न संभाल पाने वाली भाजपा इतने बड़े उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को कैसे संभालेगी? दिल्ली में पुलिस अरविंद केजरीवाल के अधीन नहीं, बल्कि राजनाथ सिंह के अधीन है। राष्ट्रीय राजधानी में अपराध बढ़ता ही जा रहा है, इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि मैदान में खुद हारती देख भाजपा मीडिया को मैनेज कर अपने पक्ष में ओपिनियन पोल करवा रही है, ताकि लोगों को गुमराह किया जा सके। उन्होंने लागों से टीवी चैनलों के प्रायोजित ओपिनियन पोल पर भरोसा न करने की अपील की।

मायावती ने कहा, “मेरी चार बार की सरकार में प्रदेश से किसी ने पलायन नहीं किया, बल्कि दूसरे राज्यों से वापस आए। केंद्र सरकार की नोटबंदी के कारण प्रदेश के बाहर रह रहे लोगों को प्रदेश में वापस आना पड़ा। मोदी सरकार रोजगार देने नहीं, लेने आई है।”

प्रदेश की सपा सरकार को घेरते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी, कर्मचारी, जनता सभी परेशान हैं। सपा के शासन में गुंडों और अपराधियों का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। उत्तर प्रदेश में भयमुक्त शासन सिर्फ यही पार्टी ही दे सकती है। बसपा अबकी बार बहुमत की सरकार बनाएगी।

मायावती ने कहा कि प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर बेकसूर लोगों को जेल में बंद करवाने वाले लोगों के मामलों की समीक्षा करवाकर उन्हें जेल से रिहा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार आने पर जिन जिले में योजनाओं और संस्थानों के नाम सपा सरकार ने बदले हैं, उनके पूर्व नामों को बहाल किया जाएगा। मेरे द्वारा दिए गए जमीनों के पट्टों पर कब्जों को मुक्त करवाकर भू-माफियाओं को जेल में डाला जाएगा। सपा सरकार के बड़े आर्थिक फैसलों और नौकरियों में भर्ती की जांच कराई जाएगी। सपा सरकार के तरह किसी खास क्षेत्र का नहीं, सभी क्षेत्रों का विकास कराया जाएगा।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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