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बिजनेस

भारतीय उद्योग रोजगारपरक क्षेत्रों में नहीं कर रहा निवेश : पनगढ़िया

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नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| ऐसी धारणा बनी हुई है कि देश में कड़े श्रम कानून के कारण उद्योगों का विकास नहीं हो रहा है, लेकिन नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगढ़िया का कहना है कि उद्योगों की रोजगारपरक क्षेत्रों में निवेश करने में अक्षमता देश में बेरोजगारी का प्रमुख कारण है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने यहां गुरुवार देर रात आयोग का ‘तीन वर्षीय कार्ययोजना 2017-20’ जारी करते हुए कहा, रोजगार सृजन में प्रमुख बाधा यह है कि हमारे उद्यमी रोजगारपरक क्षेत्रों में निवेश ही नहीं करते।

पनगढ़िया 31 अगस्त को अपना पद छोड़कर वापस अमेरिका में शिक्षक की नौकरी करने लौटनेवाले हैं। उन्होंने कहा, रोजगारपरक क्षेत्रों में निवेश को लेकर नकारात्मक रुख है।

उन्होंने गुजरात का हवाला देते हुए कहा कि वहां ‘सबसे उदार श्रम कानून’ है, फिर भी बेरोजगारी की स्थिति है।

केंद्रीय श्रम सचिव ए. सत्यवर्ती ने इस मौके पर कॉरपोरेट नेतृत्व से पूछा कि क्या श्रम कानूनों में क्या ढील चाहते हैं, ताकि वे रोजगारपरक क्षेत्रों में निवेश कर सकें।

नीति आयोग के दस्तावेजों में कहा गया कि भारत अगले 2-3 सालों में 8 फीसदी की विकास दर हासिल कर लेगा।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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