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भारतीय कंपनियां अमेरिकियों की नौकरियां छीन नहीं रहीं, दे रहीं हैं : सुषमा

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका एच1बी वीजा, आव्रजन या बिजनेस आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाता है, तो इससे केवल भारतीयों को ही नुकसान नहीं पहुंचेगा, बल्कि यह अमेरिका के लिए भी नुकसानदायक होगा। सुषमा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, “हम (एच-1बी वीजा को लेकर) अमेरिकी प्रशासन के साथ केवल बात ही नहीं कर रहे, बल्कि तर्क और ठोस आंकड़ों के साथ बात कर रहे हैं।”

सुषमा ने कहा, “यह पारस्परिक रूप से लाभकारी भागीदारी है, हमने उन्हें (अमेरिका को) बता दिया है कि अगर आप ये संबंध तोड़ेंगे, तो इससे केवल हमें ही नहीं, आपको भी तकलीफ होगी।”

सुषमा ने कहा कि अमेरिका में मौजूद भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां अमेरिकियों की नौकरियां छीन नहीं रहीं, बल्कि वे वहां रोजगार सृजन कर रही हैं।

सुषमा ने कहा, “हमने उन्हें बताया है कि यह सच नहीं है कि भारतीय उनकी नौकरियां छीन रहे हैं। बल्कि, अमेरिका में मौजूद भारतीय कंपनियां अमेरिकियों के लिए रोजगार पैदा कर रहीं हैं। अब तक भारतीय कंपनियां 1.56 लाख अमेरिकियों को सीधे तौर पर नौकरियां और 4.11 लाख लोगों को सहायक काम दे चुकी हैं।”

सुषमा ने कहा कि 2011 और 2015 के बीच भारतीय कंपनियों ने दो अरब डॉलर का निवेश किया था और 20 अरब डॉलर कर के रूप में चुकाए थे। इतना ही नहीं भारतीय कामगारों ने सामाजिक सुरक्षा योजना में सात अरब डॉलर का योगदान दिया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद अमेरिकी कंपनियां वार्षिक तौर पर 27.5 अरब डॉलर कमा रही हैं।

सुषमा ने सदन में कहा कि विदेश सचिव और वाणिज्य सचिव ने इस साल 28 फरवरी और 3 मार्च के बीच अमेरिका का दौरा किया था और नए अमेरिकी प्रशासन के कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व के साथ भी मुलाकात की।

विदेश मंत्री ने कहा, “हमने इस बात पर जोर दिया है कि भारत के कुशल पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहे हैं और प्रतिस्पर्धा और नवीनीकरण में बढ़त बनाए रखने में अमेरिका की मदद कर रहे हैं।”

सुषमा ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अब तक किसी ऐसे व्यापक नीतिगत बदलाव की घोषणा नहीं की है जिसका गैर प्रवासी कामगार वीजा प्रोग्राम पर प्रभाव पड़े।

सुषमा ने कहा, “अमेरिकी कांग्रेस के पास 13 विधेयक विचाराधीन हैं। उनमें से चार एच1बी वीजा के लिए हैं, छह विधेयक भारत में आउटसोर्सिग बिजनेस से संबंधित हैं और तीन विधेयक आव्रजन के बारे में हैं। लेकिन अभी उनमें से कोई भी मंजूर नहीं हुआ है।”

सुषमा ने कहा, “भारत सरकार अमेरिका में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों और पेशेवरों पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है। हम भारतीय कर्मचारियों और पेशेवरों के हितों की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से शीर्षस्तर पर बातचीत कर रहे हैं।”

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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