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अन्तर्राष्ट्रीय

भारतीय बुजुर्ग हमला मामले में जूरी ने एक और दिन मांगा

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वाशिंगटन। भारतीय बुजुर्ग पर हमले के मामले में निर्णायक मंडल ने लगातार दो दिन तक विचार करने के बाद एक दिन और विचार के लिए मांगा है। इस मामले में अलबामा के पुलिस अफसर पर आरोप है कि उसने भारतीय सुरेशभाई पटेल को फरवरी में जमीन पर पटक दिया था। इससे पटेल की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी।

ए वन डाट कॉम के मुताबिक निर्णायक मंडल ने हंट्सविले की संघीय अदालत की न्यायाधीश मैडलिन ह्यूज हैकाला से मंगलवार दोपहर को कहा कि वह पुलिस अफसर एरिक पार्कर (27) के खिलाफ मामले में किसी सर्वसम्मत फैसले तक नहीं पहुंच सका है। निर्णायक मंडल ने न्यायाधीश हैकाला से एक और दिन मांगा। हैकाला को एक नोट भेजकर पूछा, “हमने दो बार वोटिंग की लेकिन सर्वसम्मत फैसले पर नहीं पहुंच सके। अब हमें क्या करना चाहिए?”

इस पर हैकाला ने कहा कि यह मानने की कोई वाजिब वजह नहीं है कि संघीय सरकार मामले में फिर से मुकदमा चलाने के लिए एक अधिक आत्मविश्वासी और अधिक न्यायपरक निर्णायक मंडल का चयन कर सकेगी। न्यायाधीश ने निर्णायक मंडल का ध्यान मामले पर अब तक हुए खर्च और भावनात्मक दबावों की तरफ खींचा और कहा कि अगर संभव हो तो मामले को खत्म करने के लिए विचार विमर्श जारी रखें।

इस मामले में आरोप है कि पार्कर ने पटेल को संदिग्ध समझ कर उन पर जरूरत से कहीं अधिक बल का प्रयोग किया था। इस वजह से पटेल को ऐसी चोट लगी कि वह व्हीलचेयर पर पहुंच गए। पटेल का कहना है कि उन्होंने अफसर को बताने की कोशिश की थी कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती। उन्होंने किसी भी तरह से अफसर को धक्का देने की कोशिश नहीं की थी। उंगली के इशारे से अपने घर के बारे में भी बताया था।
पटेल इस घटना से कुछ ही दिन पहले अपने पोते की देखभाल करने के लिए अमेरिका आए थे। मामले के पहले निर्णायक मंडल ने कोई सर्वसम्मत फैसला न देते हुए पार्कर को इलजाम से बरी कर दिया था। इसके बाद फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया था। अगर पार्कर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक कैद की सजा हो सकती है।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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