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बिजनेस

भारत की विकास दर घटकर 5.7 फीसदी

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर में चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान गिरावट दर्ज की गई है और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में दर्ज 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.9 फीसदी थी।

आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.7 फीसदी या 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी।

सीएसओ द्वारा जारी बयान में कहा गया, वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में 31.10 करोड़ की जीडीपी का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में यह 29.42 लाख करोड़ रुपये थी।

सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संबंध में जिसमें अप्रत्यक्ष करों और सब्सिडियों को शामिल नहीं किया जाता है, जीडीपी की विकास दर पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 5.6 फीसदी रही है।

मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने यहां जीडीपी आंकड़े जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि विकास दर में गिरावट का मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र में आई गिरावट है। निर्माण क्षेत्र की विकास दर समीक्षाधीन तिमाही में 1.2 फीसदी रही।

उन्होंने कहा, मुख्य रूप से उद्योग क्षेत्र में तेज गिरावट आई है, जो प्रमुख क्षेत्र है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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