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बिजनेस

भारत पर वैश्विक व्यापार जंग का समानांतर असर होगा : एसोचैम

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नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)| उद्योग संगठन एसोचैम ने संभावित वैश्विक व्यापार-संग्राम से भारत की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होने की आशंका जताई है।

एसोचैम के मुताबिक, आयात शुल्क को लेकर शुरू हुई लड़ाई अगर पूरी तरह व्यापारिक संग्राम का रूप लेती है तो भारत पर भी इसका समानांतर असर होगा और देश का निर्यात प्रभावित होने के साथ-साथ चालू खाते के घाटे पर दबाव रहेगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घट जाएगा। एसोचैम ने कहा कि भारत पर भले ही सीधा प्रभाव बहुत ज्यादा पहीं पड़े, लेकिन समग्र रुझान पर खराब असर के रूप में सामानांतर नुकसान जरूर होगा।

एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, चाहे भारत अपने आयात को लेकर प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई करे, लेकिन हमारे निर्यात पर इसका ज्यादा असर होगा, क्योंकि विदेशी विनिमय दर में भी अस्थिरता बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, हमें संगत योजना तैयार करनी होगी, जिसमें प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ द्विपक्षीय व्यापार खोलने और विश्व व्यापार संगठन के नियमों का अनुपालन करने संबंधी सावधानी बरतने की जरूरत है।

बाजार में भरोसे की कमी की स्थिति में विदेशी निवेशक अपने पैसे निकालेंगे, जिससे डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आएगी।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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