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भारत की रूस को खरी-खरी, आतंक फैलाने वाले देश के साथ सैन्य अभ्यास ठीक नहीं

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modi-putinनई दिल्ली। रूस के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने पाकिस्तान के साथ रूस के संयुक्त अभ्यास को लेकर विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के साथ संयुक्त अभ्यास से समस्याएं और बढ़ेंगी। इस सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

यह सम्मेलन इस महीने गोवा में होगा जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ब्रिक्स नेताओं की बैठक में भाग लेने यहां के दौरे पर होंगे। सरकार ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, गोवा में भारत-रूस के 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में 15 अक्टूबर 2016 को नेताओं द्वारा भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जा सकती है और मास्को में दिसंबर 2015 में हुए पिछले शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति की भी समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। भारत ने रूस से साफ शब्दों में कहा कि जो देश आतंकवाद फैलाता हो, उसके साथ ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करना सही नहीं है। उल्लेखनीय है कि सितंबर में रूस ने पाकिस्तान के साथ ज्वाइंट एक्सरसाइज की थी।
बयान में कहा गया है, इसमें महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर फैसला लिए जाने और शिखर सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त बयान जारी करने की भी उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने मास्को में 14 दिसंबर को पिछले साल शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, साल 2017 में दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर कई महत्वपूर्ण आयोजनों की योजना है। भारत आठवें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। यह सम्मेलन गोवा में 15-16 अक्टूबर को होगा।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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