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प्रादेशिक

भूखे कैदियों का दर्द नहीं सुन रहा शासन!

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भूखे कैदियों का दर्द, जेलों में कैदियों की समयपूर्व रिहाई, आगरा जेल में कैदियों ने भूख हड़ताल

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भूखे कैदियों का दर्द, जेलों में कैदियों की समयपूर्व रिहाई, आगरा जेल में कैदियों ने भूख हड़ताल

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आगरा से शुरू हुआ आंदोलन बरेली पहुंचा, वाराणसी में तैयारी

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में कैदियों की समयपूर्व रिहाई की ठप पड़ी प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ किए जाने का लेकर वर्तमान समय में प्रदेश के कैदी आंदोलित है। आगरा जेल में कैदियों ने भूख हड़ताल कर जेल प्रशासन की नींद हराम कर दी है, वहीं पिछले करीब 10 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे कैदियों से शासन बेखबर है। आगरा जेल के कैदियों के समर्थन में यह आग अब बरेली पहुंच गई है। बरेली सेंट्रल जेल में कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। बरेली के बाद अब वाराणसी जेल में भी कैदियों के हड़ताल पर जाने की चर्चा शुरू हो गई है।

वर्तमान समय में प्रदेश की जेलों में कैदियों की समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया बंद है। वर्ष-2000 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल के क्षमादान पर प्रदेश की जेलों से करीब एक हजार कैदियों को सजा में छूट देकर रिहा कर दिया गया। इस रिहाई में बुलंदशहर के बहुचर्चित साखनी हत्याकांड कांड का एक आरोपी आयु सीमा के आधार पर रिहा कर दिया गया। इसके खिलाफ विपक्षी न्यायालय की शरण में चले गए। इस पर न्यायालय ने रिहा किए गए कैदियों की पुनः गिरपतारी को आदेश जारी कर हड़कंप मचा दिया। इसमें कई तो पुनः जेल आ गए और कई अभी तक फरार है। इसके बाद से प्रदेश में गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस पर सजा में छूट देकर रिहा किए जाने की प्रक्रिया बंद है।

समयपूर्व रिहाई को लेकर प्रदेश के कैदियों का आंदोलन दिनोंदिन हो रहा तेज

इस प्रक्रिया को पुनः चालू करने के लिए सेंट्रल जेल आगरा के कैदी भूख हड़ताल पर बैठ हुए हैं। कैदियों की मांग है कि प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह राष्ट्रीय पर्वों पर कैदियों को रिहा किया जाए। पिछले करीब 10 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे कैदियों को मनाने के लिए जिला प्रशासन ने कई बार प्रयास किया किंतु कैदी मानने को तैयार नहीं है। सूत्रों का कहना है कि आगरा जेल के कैदियों के समर्थन में बरेली जेल में भी कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए है। प्रदेश की दो सेंट्रल जेल में कैदियों के भूख हड़ताल की सूचना पर शासन के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।

अधिकारी भूख हड़ताली कैदियों को मनाने में जुटे हैं वहीं दूसरी ओर आगरा और बरेली जेल में भूख हड़ताल पर बैठे कैदियों के समर्थन में वाराणसी सेंट्रल जेल में भी कैदी हड़ताल पर बैठने की तैयारी में जुटे हुए है। सूत्रों की मानें तो शासन ने इस मसले पर जल्दी कोई निर्णय नहीं लिया तो प्रदेश की सभी सात सेंट्रल जेल के हजारों कैदी हड़ताल कर आंदोलन को गति प्रदान करने की फिराक में है। उधर विभाग के मुखिया आईजी जेल जीएल मीना का कहना है कि कैदियों से लगातार वार्ता की जा रही है मामला न्यायालय से जुड़ा होने की वजह से दिक्कतें आ रही हैं।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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