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बिजनेस

मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार में हल्की बढ़त

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मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार में हल्की बढ़त

मुंबई | आर्थिक उथल-पुथल और मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार हल्की मजबूती के साथ बंद हुए। इस सप्ताह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 8,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बंद हुआ। इस सप्ताह सेंसेक्स 166.10 अंक यानी 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ 26,316.34 पर जबकि निफ्टी 40.20 अंकों यानी 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 8,114.30 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.91 फीसदी और स्मॉलकैप में 1.33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दोनों ही सूचकांकों ने सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है।

कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार यानी 21 नवंबर को बैंकिंग, ऑटो और धातु क्षेत्र के शेयरों और एचडीएफसी और आईटीसी जैसे शेयरों में कमजोरी रही। इस दौरान सेंसेक्स 385.10 अंकों यानी 1.47 फीसदी की गिरावट के साथ 25,765.14 पर बंद हुआ जो 24 मई 2016 के बाद इसका निचला स्तर है।

22 नवंबर 2016 यानी मंगलवार को इसमें गिरावट रही। सेंसेक्स 195.64 अंक यानी 0.76 फीसदी की बढ़त के साथ 25,960.78 पर बंद हुआ जो 18 नवंबर 2016 के बाद इसका सबसे ऊंचा स्तर है। प्रमुख सूचकांकों में बुधवार यानी 23 नवंबर 2016 को हल्की बढ़त रही। इस दौरान सेंसेक्स 91.03 अंकों यानी 0.35 फीसदी की बढ़त के साथ 26,051.81 पर बंद हुआ जो 18 नवंबर 2016 के बाद इसका उच्चतम स्तर है।

शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में 24 नवंबर यानी गुरुवार को हल्की गिरावट रही। निजी क्षेत्र के बैंकों, वाहन क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई। इस दिन सेंसेक्स 191.64 अंक यानी 0.74 फीसदी की गिरावट के साथ 25,860.17 पर रहा जो 21 नवंबर 2016 के बाद इसका निचला स्तर है।

शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में 25 नवंबर 2016 यानी शुक्रवार को आईटी और फार्मा शेयरों में मजबूती रही। सेंसेक्स 456.17 अंकों यानी 1.76 फीसदी की मजबूती के साथ 26,316.34 पर बंद हुआ जो 11 नवंबर 2016 के बाद इसका उच्चतम स्तर है।

इस सप्ताह अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन में 1.73 फीसदी, एशियन पेंट्स में 4.18 फीसदी, हिंदुस्तान यूनिलीवर में 3.63 फीसदी, एनटीपीसी में 1.8 फीसदी, ओएनजीसी में 1.07 फीसदी, रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.2 फीसदी और टाटा स्टील ने 5.8 फीसदी की मजबूती रही जबकि कोल इंडिया में 0.91 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट के बीच बीएसई आईटी सूचकांक में 6.61 फीसदी की उछाल दर्ज की गई।

वैश्विक आंकड़ों में जर्मनी की आर्थिक विकास दर उम्मीद के मुताबिक तीसरी तिमाही में कमजोर रही है, नियार्त में गिरावट आई है और भारी मशीनों और उपकरणों में निवेश में कमी दर्ज की गई है।

अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक, वहां साप्ताहिक बेरोजगारी दर 19 नवंबर 2016 तक 18,000 और लोगों की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि कुल आंकड़ा 3 लाख से कम है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, अमेरिकी ड्यूरेबल गुड्स की अक्टूबर महीने की दर 4.8 फीसदी बढ़ी है जो अनुमान से अधिक है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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