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अन्तर्राष्ट्रीय

मालदीव के राष्ट्रपति को चुनौती देना चाहते थे गिरफ्तार उपराष्ट्रपति

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माले। मालदीव के राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन अब्दुल गयूम ने रविवार को खुलासा किया कि गिरफ्तार उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर ने उन्हें चुनौती देने के लिए एक अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। पिछले महीने राष्ट्रपति की नौका में धमाके के बाद गयूम ने अपने पहले जन संबोधन में कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए उपराष्ट्रपति ने विरोधी दल मालदीवियन डेमोकेट्रिक पार्टी (एमडीपी) के साथ सांठगांठ की थी।

हवीरू ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, उपराष्ट्रपति ने सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव(पीपीएम) के सांसदों का भी समर्थन मांगा था। राष्ट्रपति ने कहा, “वे सदस्य मेरे पास आए और उन्होंने मुझे यह जानकारी दी।” उनके मुताबिक, मालदीव्स मीडिया एंड पब्लिक रिलेशन्स कॉर्पोरेशन (एमएमपीआरसी) के जरिए पैसों का लेन-देन हुआ था। एमएमपीआरसी के प्रमुख उपराष्ट्रपति के नजदीकी हैं।

राष्ट्रपति गयूम ने जोर देकर कहा कि बार-बार आग्रह के बाद भी उपराष्ट्रपति ने धमाके की जांच में सहयोग नहीं दिया था। उनके सहयोगियों में एमएमपीआरसी के प्रबंध निदेशक अब्दुल्ला जियाथ शामिल हैं जिन्हें जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने भी जांच में सहयोग नहीं दिया था। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अपने उपराष्ट्रपति को पुलिस पर उनके प्रभाव के कारण हिरासत में लेना पड़ा। राष्ट्रपति ने कहा, “उपराष्ट्रपति को पूरे देश की सुरक्षा के मद्देनजर गिरफ्तार करना पड़ा है। उपराष्ट्रपति से संबंधित कई आरोप हैं। पुलिस पर उनके प्रभाव को देखते हुए यह माना गया कि कार्यालय में उनके रहते हुए निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती थी।”

उपराष्ट्रपति को शनिवार को चीन की उनकी आधिकारिक यात्रा से वापसी के बाद गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने भी धमाके के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गौरतलब है कि यह घटना तब घटित हुई जब राष्ट्रपति गयूम और उनकी पत्नी फातिमा इब्राहिम सऊदी अरब में हज यात्रा करके 28 सितम्बर को हवाईअड्डे से माले लौट रहे थे। विस्फोट में राष्ट्रपति गयूम बाल-बाल बच गए थे लेकिन उनकी पत्नी घायल हो गई थीं। राष्ट्रपति गयूम की पत्नी अब भी अस्पताल में हैं।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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