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मिस्त्रियों के लिए पाठ्यक्रम चलाएगा केरल का संस्थान

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तिरुवनंतपुरम। केरल में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला एक संस्थान मकान बनाने वाले मिस्त्रियों, डिप्लोमा धारकों और इंजीनियरों के लिए कौशल बढ़ाने वाला पाठ्यक्रम चलाएगा। इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन निर्माण उद्योग की नई जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम चलाएगा।

श्रम मंत्री शिबु बेबी जॉन ने कहा कि संस्थान छात्रों को ब्रिटेन के ‘सिटी एंड गिल्ड्स’ का प्रमाण-पत्र दिलाएगा। संस्थान के लिए कोल्लम में नौ एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है। संस्थान अगले वर्ष जनवरी से काम करना शुरू कर देगा। मंत्री ने बताया कि संस्थान का स्वामित्व राज्य सरकार के पास होगा, लेकिन इसका संचालन सोभा समूह के प्रमुख पी.एन.सी. मेनन करेंगे। राज्य सरकार ने संस्थान के लिए 55 करोड़ रुपये दिए हैं। 15 करोड़ रुपये शोभा समूह ने दिए हैं। शेष राशि संस्थान के लिए आवंटित भूमि की कीमत है। यह जमीन राज्य सरकार ने दी है।

जॉन ने कहा, “अवसंरचना एवं निर्माण उद्योग में काफी विकास हुआ है। यदि हमारे लोगों की दक्षता बढ़ाई नहीं जाएगी, तो उन्हें नौकरी मिलना कठिन हो जाएगा।” मंत्री ने कहा कि शोभा समूह के साथ हुए समझौते के मुताबिक संस्थान से उत्तीर्ण 60 फीसदी छात्रों को देश या विदेश में नौकरी दिलाई जाएगी। संस्थान एक महीने से लेकर दो साल की अवधि वाले कार्यक्रम चलाएगा। प्रथम वर्ष में 2,000 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा, बाद में इसकी संख्या बढ़ाकर 5,000 की जाएगी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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