Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मुंबई में ऑटोरिक्शा की हड़ताल, जनजीवन प्रभावित

Published

on

mumbai-autorickshaw

Loading

मुंबई। मुंबई में बुधवार को ऑटोरिक्शा की हड़ताल का जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। शहर में लाखों यात्रियों, कामकाजी लोगों और छात्रों को दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में रेडियो टैक्सी बंद कराने और सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की मांग को लेकर ऑटोरिक्शा चालकों ने हड़ताल कर दी है।

इससे पहले मंगलवार को नितेश राणे की अगुवाई में टैक्सी चालकों के संघ ने हड़ताल कर दी थी, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। मुंबई में बुधवार को ऑटोरिक्शा की हड़ताल के कारण लोगों को नजदीकी रेलवे स्टेशन की तरफ पैदल जाते और भीड़ भरी बेस्ट (बृहन्नमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग) की बसों का इंतजार करते देखा गया। वहीं, कुछ लोग दुपहिया एवं निजी वाहनों से भी कार्यालय जाते देखे गए।

शहर के कई हिस्सों में बारिश और ऑटोरिक्शा की हड़ताल के कारण लोग हवाईअड्डे और रेलवे टर्मिनलों पर फंसे रहे। रेडियो टैक्सी एवं निजी टैक्सी सेवा बंद कराने की मांग को लेकर की गई हड़ताल में हालांकि शिवसेना और टैक्सी चालकों का संघ शामिल नहीं है। मुंबई ऑटोरिक्शा संघ के प्रमुख शशांक राव ने कहा कि जनता की इस परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार है और अब यह ऑटोरिक्शा चालकों की जीविका का मुद्दा बन गया है। राव ने कहा, “निजी टैक्सी, पर्यटक वाहन और कॉल सेंटर की कार सवारी लाने-ले जाने का काम करते हैं, इससे हमारा काम और हमारी आय प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त ओला एवं उबर कार सेवाएं अपने अधिकारक्षेत्र से बाहर काम करती हैं और इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।”

उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे भविष्य में अपना आंदोलन तेज करेंगे। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर गौर कर रही है। ऑटोरिक्शॉ चालकों की यह भी मांग है कि उनके लिए सामाजिक कल्याणकारी परियोजनाएं लाई जाएं और उन्हें ‘लोक सेवक’ का दर्जा दिया जाए। साथ ही लंबित सूची वाले चालकों को जल्द से जल्द रिक्शा परमिट जारी किया जाए।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending