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प्रादेशिक

मुस्लिम महिलाओं के शोषण के लिए कांग्रेस व पर्सनल लॉ बोर्ड जिम्मेदार : मोहसिन रजा

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लखनऊ, 28 दिसंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का रवैया काफी अड़ियल है। इससे लगता है कि वह मुस्लिम महिलाओं का सम्मान नहीं, बल्कि उत्पीड़न चाहता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के शोषण के लिए कांग्रेस और पर्सनल लॉ बोर्ड जिम्मेदार है।

मंत्री ने कहा कि यह उत्पीड़न बोर्ड और वोट की राजनीति करने वाले दलों ने किया है। इसके चलते जो जिंदगियां बरबाद हुई, उसकी सीधी जिम्मेदारी कांग्रेस व पर्सनल लॉ बोर्ड की है।

मोहसिन ने कहा, भाजपा की सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से निकली आशा की किरण को नए सूर्योदय का रूप देगी। यह महिला गौरव और सम्मान का बिल है। तीन साल की सजा को गंभीर मामलों में बढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नमाज को तीन बार बोलने से जब नमाज नहीं होती तो फिर तलाक तीन बार बोलने से तलाक नहीं हो सकता है। शरीयत भी इसकी इजाजत नहीं देता है। हर चीज के लिए प्रक्रिया है जो पूरी की जानी चाहिए।

तीन तलाक के मुद्दे पर विपक्ष के द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा, विपक्ष हमेशा से ही जाति और धर्म की राजनीति करता रहा है और आज भी उसी की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश की जा रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समाज का ठेकेदार नहीं है, बल्कि यह एक संस्था मात्र है। पर्सनल लॉ बोर्ड न तो शरीयत है न ही संविधान है जोकि उनके हिसाब से काम किया जाए।

मोहसिन ने कहा, इतने समय बाद आज जो कानून बन रहा है, उसको बनाने की जरूरत क्यों पड़ी है इस पर जब विचार किया जाएगा तो सामने आएगा कि देश पर लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने ही मुस्लिम महिलाओं का शोषण होने दिया है। जहां तक पर्सनल लॉ बोर्ड का सवाल है तो उसे बताना चाहिए कि उसने समाज की बेहतरी के लिए क्या काम किया है।

मंत्री ने आरोप लगाया, तीन तलाक पर बोर्ड के वकील का एक पार्टी से सीधा संबंध है। भाजपा सबका साथ सबका विकास की बात करने के साथ ही महिला सशक्तीकरण की बात कर रही है। भाजपा महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं होने देगी।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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