Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

मेरी देशभक्ति से कुछ लोगों को परेशानी : अनुपम खेर

Published

on

Loading

anupam kherभोपाल। भाजपा सांसद किरण खेर के अभिनेता पति अनुपम खेर ने यहां सोमवार को कहा कि वह जब देशभक्ति की बात करते हैं तो कुछ लोगों को परेशानी होने लगती है। राजधानी के विधानसभा परिसर में तीन दिनों से चल रहे लोक-मंथन के समापन समारोह में पहुंचे खेर ने कहा, देशभक्ति हमें न सिखाओ। यह सही है कि कोई किसी को देशभक्ति नहीं सिखा सकता, यह तो भीतर से आती है। देशभक्ति हमारे खून में है। जब भी अवसर आता है, यह प्रकट होती है। देशभक्ति की बात से यदि किसी को पीड़ा होती है तो होने दीजिए, हम तो अपना काम करेंगे।

उन्होंने कहा, पिछले दो-तीन वर्षो में असहिष्णुता और देशभक्ति के विषय जान-बूझकर उठाए गए हैं। जब असहिष्णुता की बहस शुरू की गई, तब मेरे भीतर का भारतीय जागा और उसने कहा कि यह चुप रहने का समय नहीं है। इस कारण मैंने असहिष्णुता पर सवाल उठाने वालों का खुलकर विरोध किया।

खेर ने कहा कि वह कश्मीरी पंडित हैं, इसलिए उनकी रगों में देशभक्ति है। अपने ही देश में निर्वासित होने के बाद भी कश्मीरी पंडितों ने कभी भी देश के खिलाफ कोई बात नहीं कही। समापन सत्र के मुख्य अतिथि बौद्ध धार्मिक गुरु सोमदोंग रिनपोछे ने लोक-मंथन को समयानुकूल बताते हुए कहा कि यह एक नई दिशा देगा। लोक-मंथन की महत्ता इस बात से है कि इसमें देश, काल, स्थिति को विचार के रूप में स्वीकार करते हुए राष्ट्र सर्वोपरि को महत्व दिया गया है।

उन्होंने कहा, आज चारों ही स्थितियां सहज नहीं हैं। देश में प्रदूषण का बोलबाला है। स्वच्छ पानी नहीं है। गति की शीघ्रता एवं स्थिति की स्थिरता ने विचित्र परिस्थिति पैदा कर दी है। हर व्यक्ति चुनौतियों की चर्चा करता है। समाधान किसी के पास नहीं है।

रिनपोछे ने आगे कहा कि हिंसा की अत्यधिक वृद्धि, युद्ध और आतंकवाद के रूप में दिखाई देती है। मनुष्य कहीं भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करता है। महाभारत का युद्ध 18 दिन में समाप्त हो गया, लेकिन वियतनाम का 18 वर्ष चला। अपना शस्त्र बाजार बनाए रखने के लिए तब भी हिंसा हुई, जो आज तक जारी है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए प्लास्टिक को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन प्लास्टिक उत्पादन रोकने की बात नहीं होती। लोक-मंथन आयोजन समिति के कार्याध्यक्ष डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी और आयोजन समिति के सचिव ज़े नंदकुमार ने भी अपने विचार रखे।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending