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मैं समाजवादी नहीं मुलायमवादी हूंः अमर सिंह

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समाजवादी पार्टी, मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी

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समाजवादी पार्टी, मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी

amar singh

अब अमर सिंह ने दी राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पारिवारिक कलह के कथित निपटारे के बाद अब राज्‍यसभा सदस्‍य व पार्टी सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के खासमखास अमर सिंह ने राज्‍यसभा से इस्‍तीफे की धमकी दी है। वैसे अमर सिंह खुद को समाजवादी नहीं बल्कि मुलायमवादी मानते हैं। कल लखनऊ में जिस समय मुलायम सिंह यादव अपने कुनबे में सुलह को लेकर बैठक कर रहे थे, उसी दौरान नई दिल्ली में अमर सिंह ने राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी दी।

शिवपाल सिंह यादव के बाद अमर सिंह के इस्तीफा देने की धमकी को बेहद गंभीर माना जा रहा है। अमर सिंह ने कल नई दिल्ली में एक चैनल से वार्ता के दौरान राज्यसभा से इस्तीफा देने की धमकी दी। उन्होंने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी में अब वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं तो अपमानित होकर राज्यसभा सीट की कीमत चुका रहा हूं, लेकिन अब अपना अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा। अमर सिंह का आरोप है कि इस समय पार्टी में वहीं ऐश कर रहे हैं जो कि मायावती के शासनकाल में भी चोटी पर बजते थे। अमर सिंह ने राज्यसभा से इस्तीफा देने की धमकी के दौरान भी कहा कि मैं समाजवादी नहीं सिर्फ मुलायमवादी हूं।

सांसद अमर सिंह ने अब पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी यह नहीं कहा कि मैं समाजवादी हूं। मैं मुलायमवादी हूं लेकिन मुलायमवादी होना एक तरह का अपराध हो गया है। अमर सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुलायम से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने चैनल से कहा कि मैं हामिद अंसारी (राज्यसभा सभापति) को त्याग पत्र सौंपूंगा। अमर सिंह ने कहा कि इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू उनके आदर्श हैं। मैं दबाव डालने की चाल के तौर पर इस्तीफे का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति नहीं हूं।

हाल में समाजवादी पार्टी में वापसी करने वाले अमर सिंह ने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनके पार्टी में वापस आने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा में पार्टी के वरिष्ठ नेता रेवती रमन सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा के साथ हर समय पीछे की कतार में बैठते हैं जबकि नरेश अग्रवाल जैसे नेता पूरी चर्चाएं बटोर लेते हैं।

अमर सिंह ने उनको निशाना बनाने वाले नेता का नाम लिए बिना कहा, जब व्यक्तिगत पसंद प्रतिभा पर हावी हो जाते हैं तो राजनीति का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि मुलायम ने उनसे चुप रहने को कहा है, इसी कारण से अभी वह चुप्पी बनाए हुए हैं।

समाजवादी पार्टी में यादव कुनबे में कल पार्टी के सुप्रीमो ने सुलह तो करा ली लेकिन फिर भी पार्टी में काफी घमासान मचा है। यह घमासान अब नही थम रहा है। शिवपाल सिंह यादव के बाद अब अमर सिंह के इस्तीफा देने की धमकी को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। सांसद अमर सिंह ने कहा है की बलराम यादव, शिवपाल यादव और खुद उन्हें अपमानित किया जा रहा है। उनको लगता है राज्यसभा सीट के बदले उन्हें अपमान मिला। मुलायम सिंह से बात करने के बाद वह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।

अमर सिंह इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अब तो भतीजे (मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) फोन पर नहीं आते हैं, जब उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की जाती है तो उनके सभी सचिव कहते हैं कि आपका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है, आपको बता दिया जाएगा आप से बात करवा दी जाएगी। इससे पहले तो उनसे खूब बात होती थी।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में हमको मूक बधिर बना दिया गया है। मुलायम सिंह नेता हैं या नहीं यह तय करना होगा, लेकिन मैं तो मुलायमवादी हूं। सिर्फ मुलायम सिंह की वजह से ही दोबारा पार्टी आया था, मुलायम सिंह की इज्जत करता हूं। सब चीजें मुलायम सिंह से बात करने के बाद ही तय की जाएगी।

अमर सिंह को जयाप्रदा के लिए कुछ नहीं कर पाने का मलाल

जयाप्रदा को लेकर भी अमर सिंह का दर्द उभरा। अमर सिंह ने कहा कि जयाप्रदा के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। अब उनको भी अपमानित किया जा रहा है। मेरे लिए राजनीति से ज्यादा व्यक्तिगत रिश्ते मायने रखते हैं। उनको फिल्म विकास परिषद में एक दिन शामिल करने के बाद अगले दिन हटा दिया जाता है। उनको न तो विधान परिषद में मनोनीत किया गया न ही विधान परिषद सदस्य बनाया गया।

प्रादेशिक

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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