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बिजनेस

मोजांबिक गैस ब्लॉक में 6 अरब डॉलर अतिरिक्त निवेश होगा : प्रधान

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नई दिल्ली| पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारतीय तेल कंपनियां मोजांबिक के रोवुमा क्षेत्र-1 समुद्री ब्लॉक में 2019 तक छह अरब डॉलर अतिरिक्त निवेश करेंगी, जिसमें कंपनियों ने पहले ही छह अरब डॉलर निवेश किया हुआ है। प्रधान ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मोजांबिक में हमने छह अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है। रोवुमा क्षेत्र-1 फील्ड का विकास करने के लिए छह अरब डॉलर और निवेश किया जाएगा।”

ओएनजीसी विदेशी लिमिटेड, ऑयल इंडिया और भारत पेट्रोलियम ने इस ब्लॉक में 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। ये कंपनियां एलएनजी परियोजना में भी शिरकत करेंगी।

उन्होंने कहा, “रोवुमा क्षेत्र-1 का जल्द-से-जल्द दोहन शुरू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हमें उस देश के कानून का भी पालन करना है।”

मंत्री हाल ही में मोजांबिक की यात्रा पूरी करके लौटे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान एक संयुक्त कार्यबल उनसे मोजांबिक में मिला था।

उन्होंने बताया कि अगस्त में मोजांबिक के तेल एवं गैस क्षेत्र का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा।

मोजांबिक से एलएनजी आयात पर मंत्री ने कहा कि पहली खेप 2019 तक आने की उम्मीद है और ब्लॉक को संचालित करने वाली कंपनियों के समूह ने आपूर्ति को लेकर गेल जैसी भारतीय कंपनियों से बातचीत शुरू भी कर दी है।

अमेरिकी कंपनी अनाडार्को पेट्रोलियम कॉरपोरेशन रोवुमा-1 की परियोजना संचालक कंपनी है। परियोजना में शामिल अन्य कंपनियों में शामिल हैं मोजांबिक की एंप्रेसा नैसियोनल डी हाइड्रोकार्बोनेटोस, जापान की मित्सुई और थाईलैंड की पीटीटी एक्स्प्लोरेशन एंड प्रोडक्शन।

गैस के अभाव में देश में 18 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का उपयोग नहीं हो पा रहा है। साथ ही 10 हजार मेगावाट की अन्य परियोजनाएं मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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