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IANS News

मोटापे को बीमारी घोषित करे केंद्र सरकार : बैरिएट्रिक सर्जन

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नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)| बैरिएट्रिक सर्जरी को हेल्थ बीमा के दायरे में लाने के लिए दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा बैरिएट्रिक सर्जन भारत में तीन दिवसीय बैठक के लिए 22 मार्च से यहां इकठ्ठा होंगे और केंद्र सरकार से मोटापे को बीमारी व गैर-कास्मेटिक समस्या घोषित करने की मांग करेंगे।

नई दिल्ली में 22 मार्च से शुरू होने वाले पहले विश्व बैरिएट्रिक मेटाबोलिक सर्जरी मानकीकरण सहमति बैठक (डब्ल्यूसीएम-बीएमएसएस) में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा शिरकत करेंगे। इस बैठक के दौरान सर्जन केंद्रीय मंत्री को एक श्वेत पत्र एवं अपील पत्र सौंप कर उनसे मोटापे को बीमारी एवं गैर कास्मेटिक समस्या घोषित करने की मांग करेंगे।

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. मोहित भंडारी ने कहा, बैरिएट्रिक सर्जरी के बारे में एक खास तरह की भ्रांति कायम है और इस भ्रांति के कारण ज्यादातर सरकारी संस्थाएं मोटापा घटाने के लिए की जाने वाली बैरिएट्रिक सर्जरी को कास्मेटिक सर्जरी मानती हैं। हालांकि मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने बैरिएट्रिक सर्जरी को सर्जिकल गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी के तहत की जाने वाली चिकित्सकीय प्रक्रिया माना है और इसलिए ऐसी सर्जरी पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति बीमा कंपनियों द्वारा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने भी बैरिएट्रिक एवं मेटाबोलिक सर्जरी पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति करना शुरू कर दिया है और लेकिन ज्यादातर बीमा कंपनियां ऐसी सर्जरी की प्रतिपूर्ति नहीं करती है और इसलिए देशभर में इस बारे में एकसमान बीमा नियम बनाए जाने की जरूरत है।

ओबेसिटी सर्जरी सोसायटी आफ इंडिया (ओएसएसआई) के अध्यक्ष डॉ. अरुण प्रसाद ने कहा कि मोटापा होने तथा भारत में टाइप 2 मधुमेह के संकट को नए सिरे से समझने की जरूरत है। दुनिया में मोटापे की समस्या के मामले में भारत चीन और अमरीका के बाद तीसरे नंबर पर है।

उन्होंने कहा, भारत में मोटापे की समस्या के समाधान के रास्ते में सबसे प्रमुख चुनौती मोटापे के कारणों, मोटापे के वैज्ञानिक उपचार, बढ़ रहे टाइप 2 मधुमेह के बारे में जागरूकता का अभाव है। इसके अलावा सरकार द्वारा मोटापे को बीमारी मानने से इंकार किया जाना और मुख्य बीमा कंपनियों द्वारा मोटापे के उपचार पर बीमा लाभ नहीं दिया जाना भी मोटापे की समस्या के समाधान के मार्ग में प्रमुख बाधा है।

प्रसाद ने कहा, वक्त का तकाजा है कि सभी हितधारक एक साझे मंच पर आएं और मोटापे की इस बीमारी को परिभाषित करें। साथ ही इस बीमारी के बोझ का आकलन कर इसके उपचार की एक नीति सुझाएं और दिशानिर्देश तय करें ताकि बीमा कंपनियां एवं सरकार दोनों ही मोटापे के उपचार को मेडिकल बीमा के दायरे में लाएं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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