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प्रादेशिक

मोदी को बनारस के लिए एक वर्ष और दें : छन्नूलाल

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वाराणसी,प्रसिद्ध ठुमरी गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र,प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी,राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन,बनारस

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वाराणसी | संगीत के बनारस घराने से संबंध रखने वाले प्रसिद्ध ठुमरी गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का मानना है कि देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी को बनारस के विकास के लिए एक वर्ष का समय और दिया जाना चाहिए। मोदी के नामांकन के समय उनके प्रस्तावक रहे मिश्र के अनुसार, देश की सांस्कृतिक राजधानी बनारस की विकराल समस्याओं के समाधान के लिए एक साल का समय नाकाफी है। मिश्र ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार इस माह की 26 तारीख को एक साल पूरा करने जा रही है।

देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान, पद्मभूषण से सम्मानित छन्नूलाल मिश्र ने विशेष बातचीत में कहा, “बनारस की समस्याएं काफी पुरानी और जटिल हैं और सबकुछ ठीक होने में थोड़ा वक्त लगेगा। यह अकेले (नरेंद्र) मोदी के वश का है भी नहीं। सबको मोदी बनना होगा। यहां की जनता को जागरूक होना होगा।” मिश्र ने परोक्ष रूप से स्वीकार किया कि चुनाव के समय बनारस के लिए जो वादे मोदी ने किए थे, अभी तक उन्हें जमीन पर उतरना बाकी है।

दरअसल, मोदी ने चुनाव के दौरान गंगा की सफाई, वाराणसी को विश्वस्तरीय शहर बनाने तथा यहां के बुनकरों और बेरोजगारों के लिए रोजगार के आधार खड़े करने जैसे कई वादे किए थे। ये महत्वपूर्ण कार्य सरकार बनने के सालभर बाद भी जमीन पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। कुछ रस्मी घोषणाओं व उद्घाटनों को अगर छोड़ दिया जाए तो गंगा की हालत जस की तस है, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के बावजूद शहर की सड़कों व गलियों में अब भी गंदगी की भरमार है। बेरोजगार अब भी रोजगार की बाट जोह रहे हैं।

मिश्र कहते हैं, “सफाई के मामले में पहले से स्थिति थोड़ी सुधरी है। मोदी ईमानदार हैं, इसलिए भरोसा है कि वह अपने वादे पूरे करेंगे। थोड़ा वक्त लग सकता है। कम से कम उन्हें एक साल का मौका और दिया जाना चाहिए। वह देश के प्रधानमंत्री हैं, तमाम जिम्मेदारियां हैं उन पर।” आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में 3 अगस्त, 1936 को जन्मे मिश्र उम्र के 80 वसंत देख चुके हैं। बातचीत के दौरान वह बनारस की संस्कृति और संगीत को लेकर खासा चिंतित दिखे। उन्होंने कहा, “बनारस की संस्कृति और यहां का संगीत खत्म हो रहा है। इसे बचाना जरूरी है। बनारस तभी बचेगा। मोदी ने इसके लिए वादा किया है। हमें उम्मीद है कि वह जरूर कुछ करेंगे।”

थोड़ा कुरेदने पर मिश्र ने कहा, “मोदी जी से बनारस में संगीत अकादमी स्थापित करने की बात हुई है। उन्होंने वादा किया है, अब देखिए क्या होता है।” प्रख्यात शास्त्रीय गायक ने कहा, “अकादमी ऐसी हो, जिसमें बनारस की संस्कृति और संगीत के संरक्षण और उसके संवर्धन की व्यवस्था हो। देश ही नहीं दुनियाभर से लोग इस अकादमी में आएं। मेरी अंतिम इच्छा है कि काशी के संगीत संरक्षण के लिए कुछ करके इस दुनिया से जाऊं।” उन्होंने कहा, “यदि मोदी ने बनारस में यह काम कर दिया, तो इस शहर और देश के लिए बड़ी बात होगी।” उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी और गुजरात के वडोदरा, दो संसदीय सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों जगह से निर्वाचित हुए थे। बाद में उन्होंने वड़ोदरा सीट से इस्तीफा दे दिया था और बनारस को अपनाया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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