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मोदी ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की आवाज उठाई

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न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जी4 देश वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और चारों देश- भारत, जापान, ब्राजील तथा जर्मनी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे के दावों का समर्थन करते हैं। यहां जी4 देशों के पहले शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी ने कहा, “यूएनएससी को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों, वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रमुख इंजनों तथा महत्वपूर्ण महादेशों की आवाजों को शामिल करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के 70वें सत्र के दौरान हमारा उद्देश्य उसके सुधार पर केंद्रित होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि दस्तावेज आधारित वार्ता की शुरुआत महत्वपूर्ण पहला कदम है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें अधिवेशन में इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में विश्व आधारभूत रूप से एक अलग युग में है। संयुक्त राष्ट्र का जब गठन हुआ था, तब परिस्थितियां कुछ और थीं। उन्होंने कहा, “यूएनएससी में सुधार कई दशकों से वैश्विक ध्यान का केंद्र रहा है, लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई।”

उन्होंने कहा कि आज की चुनौतियां और खतरे अलग हैं। शिखर सम्मेलन में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे तथा ब्राजील के राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ ने भी हिस्सा लिया। रॉसेफ ने कहा कि जी4 का गठन हुए एक दशक बीत चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य हो चुके हैं, जबकि 15 सदस्यों वाले सुरक्षा परिषद के लिए पांच स्थायी सदस्य अपर्याप्त प्रतिनिधित्व है।
उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसे परिषद की जरूरत है, जो दुनिया की शक्तियों का सही तरीके से और प्रभावी प्रतिनिधित्व करे।” वहीं, मर्केल ने कहा कि चारों देशों को प्रयास की शुरुआत किए 10 साल बीत चुके हैं और वे इस विचार के प्रति प्रतिबद्ध हैं तथा संयुक्त राष्ट्र में सुधार की दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का 2015 के बाद का सतत विकास का एजेंडा प्रत्येक देश का खाका तय करता है।

मर्केल ने कहा कि यूएनएससी का गठन हुए 70 साल बीत चुके हैं, और तब से लेकर अब तक बेहद परिवर्तन हुए हैं। आतंकवादियों सहित इतनी संख्या में शरणार्थी मैंने पहले कभी नहीं देखा था। प्राकृतिक आपदाएं भी हैं। उन्होंने कहा, “ये सारी चीजें मिलकर संयुक्त राष्ट्र में सुधार को जरूरी बनाते हैं। हमें दूरदर्शी होने तथा यूएनएससी में सुधार के लिए एक दूसरे से बात करने की जरूरत है।” मर्केल ने कहा कि अब तक के परिणाम बहुत ठोस नहीं हैं और उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपनी मांगें मनवाने के लिए बेहतर व ठोस प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जी4 को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सहयोगी ढूंढने व अन्य देशों से बात करने की जरूरत है।

वहीं अबे ने कहा कि साल 2004 में जी4 की बैठक के बाद से लेकर अब तक दुनिया में बेहद परिवर्तन आए हैं। परिवर्तन के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है। लंबे समय से विचाराधीन यूएनएससी में सुधार के लिए इस महीने की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दस्तावेज आधारित एक वार्ता की शुरुआत की है। वहीं अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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