मुख्य समाचार
स्विस बैंक के 648 खाताधारकों को जेल भिजवाएं मोदी : केजरीवाल
भोपाल | आम आदमी (आप) पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत और नोटबंदी को लागू करने तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वह सचमुच कालाधन और भ्रष्टाचार का खात्मा चाहते हैं तो स्विस बैंक के 648 खाताधारकों को जेल भिजवाएं। उन्होंने कहा कि मोदी की नीयत ठीक नहीं है, सरकार के पास स्विस बैंक के 648 खाताधारकों की सूची है, लेकिन ढाई साल में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, अब नोटबंदी कर कालाधन और भ्रष्टाचार के खात्मे का दावा किया जा रहा है। मोदी अगर ईमानदार हैं तो स्विस बैंक के खाताधारकों को जेल क्यों नहीं भिजवाते?
मध्यप्रदेश की राजधानी के छोला दशहरा मैदान में पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी कालाधन और भ्रष्टाचार नहीं खत्म करना चाहते, वे तो अपने कुछ और मित्र उद्योगपतियों का आठ लाख करोड़ का कर्ज माफ करने के लिए नोटबंदी की है। इन उद्योगपतियों ने कर्ज की आधी रकम स्विस बैंक मे जमा कर रखी है। प्रधानमंत्री अगर वास्तव में कालाधन व भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो उन 648 लोगों को जेल भिजवा दें।”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा और उनके मित्रों ने आठ नवंबर से पहले ही अपना कालाधन ठिकाने लगा दिया, मगर आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई जमा करने के लिए डेढ़ महीने से कतार में खड़ा है। जमा होने वाली रकम में से आठ लाख करोड़ मोदी अपने दोस्तों की कर्जमाफी के लिए रिजर्व करवाने वाले हैं, इसलिए आपका पैसा वापस मिलेगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं है।”
केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मिलकर नोटबंदी की साजिश रची। भाजपा ने पहले अपना काला पैसा ठिकाने लगवाया, उसके बाद दोस्तों को ठिकाने लगाने को कहा, उसके बाद बिना तैयारी के नोटबंदी की घोषणा कर दी। इसके बाद बिना तैयारी के नोटबंदी लागू कर ईमानदारों को परेशान किया। कतारों में लगवाकर बुजुर्गो को मरने के लिए छोड़ दिया।
केजरीवाल ने कहा, “भाजपा न तो हिंदुओं की पार्टी है और न मुसलमानों की, यह तो सत्ता और पैसों के लालची लोगों की पार्टी है, इनका बस चले तो ये बाप को भी बेचकर खा जाएं शाम तक।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की मां द्वारा नोटबंदी के बाद बैंक की कतार में खड़े होकर चार हजार रुपये निकाले जाने का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी रोज नाटक करते हैं, अपनी मां को लाइन में लगा दिया चार हजार रुपये के लिए, क्या अच्छा लगता है कि देश के प्रधानमंत्री की मां लाइन में लगे? लानत है ऐसे बेटे को जो अपनी मां को लाइन में लगाता है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी अपने कुछ और उद्योगपति मित्रों का आठ लाख करोड़ का कर्ज माफ करना चाहते हैं, इसके लिए सारे गरीबों की जमा पूंजी बैंकों में जमा करा ली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्होंने पिछले दिनों ही कुछ कारोबारियों का आठ हजार करोड़ का कर्ज माफ किया है, जिनमें विजय माल्या के 1200 करोड़ का कर्ज भी है।
केजरीवाल ने कहा कि पहले माल्या को देश से भगाया और फिर उसका कर्ज माफ कर दिया। इसी तरह कुछ और कारोबारियों का भी कर्ज माफ करना है, इसी के चलते समूचे देश को कतार में खड़ा कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ गरीब, किसान को अपने बेटे-बेटी की शादी के लिए ढाई लाख रुपये नहीं मिल रहे, दूसरी ओर कर्नाटक में मोदी के करीबी जनार्दन रेड्डी 500 करोड़ रुपये अपनी बेटी की शादी में खर्च कर देते हैं।
आप संयोजक ने आयकर विभाग द्वारा बिड़ला और सहारा समूह के ठिकानों पर मारे गए छापों में मिले दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि इन दस्तावेजों के मुताबिक, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रकम दिए जाने का खुलासा हुआ है। यही कारण है कि इन दस्तावेजों की जांच नहीं कराई जा रही है। ये लोग कितने ईमानदार हैं, इसी से समझा जा सकता है।
केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भूकंप लाने वाले बयान पर भी चुटकी ली और कहा, “अभी चार दिन पहले राहुल बोले कि मैं बोलूंगा तो भूचाल आ जाएगा, हम आज तक इंतजार कर रहे हैं कि भूचाल कब आएगा। उसके तीन दिन बाद राहुल प्रधानमंत्री से मिल लिए। मोदी ने उन्हें वाड्रा की फाइल दिखा दी, बस सारा भूचाल भूल गए।”
उन्होंने पार्टियों को मिलने वाले फंड की जांच की पैरवी करते हुए कहा, “हमें कोई डर नहीं है, हम अपनी पार्टी का सारा हिसाब बता देंगे। मगर भाजपा हिसाब नहीं बता रही थी, शायद अब बता दे।”
जनसभा को आप के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इससे पहले केजरीवाल सुबह साढ़े सात बजे दिल्ली से नियमित उड़ान से भोपाल पहुंचे, जहां पार्टी के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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