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मोबाइल पर सलाह लें, रहें सेहतमंद

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नई दिल्ली| तकनीकी विकास के साथ भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी काफी तेजी से विकास किया है। इसी क्रम में मोबाइल स्वास्थ्य सेवाएं एक विलक्षण पहल है। ‘लाइब्रेट’ भारत का पहला और सबसे बड़ा मोबाइल हेल्थकेयर कम्युनिकेशन प्लेटफार्म है, जो उपयोगकर्ताओं और डॉक्टरों को मोबाइल फोन के जरिए बात करने की सुविधा देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानक के हिसाब से भारत में डॉक्टर और मरीज का अनुपात 0.7: 1000 है, जो चीन के (1.9), ब्रिटेन के (2.8) और अमेरिका (2.5) डॉक्टर प्रति 1000 के अनुपात से बेहद कम है। इन हालात के मद्देनजर इस बात पर हैरानी नहीं होती कि 133 विकासशील देशों में भारत मरीज-डॉक्टर अनुपात के मामले में 67वें स्थान पर आता है।

इस हालत से निपटने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं एक विलक्षण पहल है। इसी के तहत एमहेल्थ के जरिए मूलभूत सुविधाएं आम लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

लाइब्रेट भारत का पहला और सबसे बड़ा मोबाइल हेल्थकेयर कम्युनिकेशन एंड डिलवरी प्लेटफार्म है जो उपयोगकर्ताओं और डॉक्टरों को मोबाइल फोन के जरिए बात करने की सुविधा देता है।

मरीज स्वास्थ्य विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के 80,000 डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के समूह से मुफ्त में अपने सवाल पूछ सकते हैं। वह अपनी जरूरत के अनुसार किसी डॉक्टर का चयन करके उनकी निर्धारित फीस अदा करके उनसे विस्तापर्वूक और गहन सलाह भी ले सकते हैं। इसके साथ ही मोबाइल उपयोगकर्ता डॉक्टरों द्वारा लोगों को स्वस्थ और सेहतमंद रखने लिए दी जाने वाली विभिन्न जानकारियां भी पढ़ सकते हैं।

देश में डब्लयूएचओ के तय मानकों के विपरीत मरीजों और डॉक्टरों का अनुपात बहुत कम है। लेकिन तकनीकी विकास और इसके स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में फैलाव की वजह से यह दूरी कम हो रही है। एमहेल्थ इस कमी को दूर करने में और भी मदद करेगा।

लाइब्रेट के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ अरोड़ा ने कहा, “लाइब्रेट ऐप की मदद से हम डॉक्टरों को ज्यादा मरीजों को देखने का और उन्हें खाली समय में आमदनी अर्जित करने का मौका दे रहे हैं। इस ऐप से वह एक ही समय में अनेक स्थानों पर उपलब्ध हो सकते हैं। इस तरह तकनीक बेहतरीन ढंग से स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दे रही है और भविष्य इसी पर निर्भर है।”

अरोड़ा मानते हैं कि एमहेल्थ लोगों के लिए स्वास्थय विशेषज्ञों से बात करना आसान बना देगी, इसके साथ ही डॉक्टरों को ढूंढ़ना और उनसे समय लेना भी आसान हो जाएगा। इस तरह पूरे माहौल को ही बदलते हुए स्वास्थय सेवाएं प्राप्त करना बेहद आसान और किफायती हो जाएगा।

उन्होंेने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लोग समय की कमी या छोटी-मोटी बीमारियों के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते हैं। कुछ लोग तो अपनी मर्जी से दवाएं ले लेते हैं, यह ऐप इस समस्या को हल करने में भी मदद करेगा।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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