Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार का 8 सशस्त्रबलों के साथ शांति समझौता

Published

on

Loading

नेपेडा।म्यांमार सरकार ने गुरुवार को यहां शांति समझौते में शामिल पंद्रह जातीय सशस्त्र समूहों में से आठ के साथ देशव्यापी संघर्ष विराम संधि (एनसीए) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से करीब छह दशक तक चले नागरिक संघर्ष के खत्म होने के आसार हैं। इस समझौते पर स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में हस्ताक्षर हुए।

इन आठ समूहों में कायिन राष्ट्रीय संघ, कायिन राष्ट्रीय लिबरेशन आर्मी-शांति परिषद, ऑल बर्मा स्टूडेंट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और चीन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) शामिल हैं।

सरकार की ओर से राष्ट्रपति यू थेन सीन, उप राष्ट्रपति साई मौक खम और यू नाइन तून व अन्य मौजूद थे।

अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में से संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ (ईयू), चीन, भारत, थाईलैंड और जापान के प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

इस अवसर पर आठ सशस्त्रबल समूहों की ओर से उनके नेताओं ने शिरकत की।

राष्ट्रपति यू थेन सेन ने हस्ताक्षर समारोह में इस आयोजन को ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि म्यांमार में भावी शांति का मार्ग अब खुल गया है।

उन्होंने कहा, “शांति के बिना सुधार नहीं हो सकता। देश में चिरस्थाई और सतत शांति अकेले संघर्षविराम से हासिल नहीं की जा सकती।”

उन्होंने जटिल मुद्दों से निपटने और संघर्ष विराम को मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक विचार-विमर्श का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जो बाकी के समूह एनसीए पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हैं, सरकार उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ने के प्रयास करेगी।

राष्ट्रपति के मुताबिक, सशस्त्रबल संघर्षो को रोकने के लिए संयुक्त संघर्ष विराम जांच समिति और राजनीतिक विचार-विमर्श के लिए संघ शांति वार्ता संयुक्त समिति के गठन के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

औपचारिक रूप से एनसीए पर हस्ताक्षर के बाद 60 दिन के भीतर राजनीतिक ढांचे का खाका तैयार किया जाएगा और उसके 90 दिनों के भीतर राजनीतिक वार्ता शुरू हो जाएगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

Continue Reading

Trending