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याकूब मेमन को नागपुर सेंट्रल जेल में दी गई फांसी, मुंबई लाया गया शव

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नागपुर/मुंबई| मुंबई में 12 मार्च, 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन का शव मुंबई में दफनाया जाएगा।  जेल से शव लेने के बाद याकूब के भाई (सुलेमान और उस्मान) मुंबई पहुंचे हैं। मुंबई स्थित याकूब के घर पर उसका शव परिजनों की अंतर्दृष्टि के लिए रखा गया।याकूब को नागपुर केंद्रीय कारागार में गुरुवार को सुब्ह 7;00 बजे फांसी दे दी गई।याकूब की दया याचिका सर्वोच्च न्यायालय, बंबई उच्च न्यायालय, महाराष्ट्र के राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद गुरुवार को 54वें जन्मदिन पर उसे फांसी दे दी गई।

याकूब को गुरुवार सुबह 6.35 बजे फांसी पर लटकाया गया। इसके कुछ देर बाद सुबह 7.01 बजे मेडिकल टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

शुरुआत में जेल प्रशासन ने कहा था कि याकूब का शव उसके परिवार को नहीं सौंपा जाएगा और उसे जेल परिसर में दफनाया जाएगा।याकूब की फांसी के बाद उसके भाई सुलेमान ने जेल प्रशासन को एक आवेदन पत्र सौंप शव सौंपे जाने की मांग की थी, ताकि उसका अंतिम संस्कार मुंबई में कर सकें ।

सुलेमान के आवेदन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए शव सशर्त परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद शव नागपुर हवाईअड्डे पर लाया गया और वहां से विशेष एंबुलेंस विमान में मुंबई रवाना किया गया, जहां गुरुवार शाम उसे दफनाया जाएगा।

मुंबई पुलिस ने माहिम इलाके में स्थित याकूब के आवास सहित शहर और राज्य के संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस गुरुवार को महाराष्ट्र सदन में इस मुद्दे पर बयान देंगे।

सर्वोच्च न्यायालय ने याकूब को फांसी दिए जाने से ठीक पहले गुरुवार तड़के तीन बजे शुरू हुई एक विशेष सुनवाई में उसकी ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने 14 दिनों के लिए फांसी टालने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने याकूब की फांसी से ठीक पहले उसकी याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। इसमें वही तर्क हैं, जो बुधवार को सामने रखे गए थे। न्यायालय पहले ही इन दलीलों को खारिज कर चुका है।

याकूब ने इसमें राष्ट्रपति द्वारा अपनी दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। राष्ट्रपति ने बुधवार को याकूब की दया याचिका खारिज कर दी थी।

याकूब की ओर से वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने अपने मुवक्किल के सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने सहित कई नए आधारों पर उसकी फांसी 14 दिन के लिए टालने की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा कि दया याचिका खारिज किए जाने के बाद फांसी पर लटकाए जाने से पहले सजायाफ्ता कैदी को 14 दिन का समय मिलना चाहिए। यह कैदी के अधिकार से संबंधित मामला है, जैसा कि न्यायालय ने शत्रुघ्न चौहान मामले में निर्णय दिया था। लेकिन न्यायालय ने यह दलील न मानते हुए कहा कि याकूब को पर्याप्त समय दिया गया।

वर्ष 1993 के मुंबई विस्फोट मामले के दोषी ठहराए गए 100 लोगों में से केवल याकूब की फांसी की सजा को सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। 11 दोषियों को सुनाए गए मृत्युदंड को बाद में आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था।

याकूब को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जुलाई 2007 में फांसी की सजा सुनाई थी। 29 अप्रैल को एक विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश ने उसे 30 जुलाई को फांसी देने का वारंट जारी किया था।

 

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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