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प्रादेशिक

यूजीसी की पहल : एक छात्र-एक पेड़

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लखनऊ,विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,पर्यावरण संरक्ष,नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

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लखनऊ । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नई पहल है ‘एक छात्र-एक पेड़’। यह थीम कोर्स में भी रहेगी। इसके बाद अब पर्यावरण संरक्षण के साथ कालेजों परिसर को हरा-भरा बनाने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा के छात्रों पर ही होगी। इसके लिए कोई विशेष आयोजन की जरूरत नहीं होगी, बल्कि स्नातक कोर्स के दौरान हर छात्र कम से कम एक पौधा कैम्पस या पास-पड़ोस में जरूर लगाएगा। यूजीसी ने इस बाबत देश के 706 विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। स्नातक के सभी कोर्स में छह माह का ‘कोर माड्यूल सिलेबस ऑन एन्वायरनमेंट स्टडीज’ पढ़ाया जाएगा। इसमें किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा। कोर्स में थीम भी रहेगी- ‘एक छात्र-एक पेड़’।

दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पहल पर यूजीसी ने पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को उच्च शिक्षा के कोर्स से जोड़ा है। हालांकि पर्यावरण का एक पेपर अभी भी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता है, लेकिन उसका कोई सिलेबस तय नहीं है। तीन साल में एक बार ही परीक्षा देनी होती, लेकिन इसके तहत छह माह का एक सिलेबस तैयार कराया जाएगा, जिसे स्नातक के हर छात्र को पढ़ाना होगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर सिलेबस तैयार होगा। यह कोर्स केवल विश्वविद्यालय परिसर में ही नहीं संचालित होंगे, बल्कि संबद्ध सभी महाविद्यालयों में भी इनका संचालन किया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.बी. निमसे के अनुसार, अन्य योजनाओं की तरह पर्यावरण संरक्षण की मुहिम भी कागजों में ही दब कर न रह जाए, इसलिए यूजीसी इसकी मॉनीटरिंग करेगा। देखा जाएगा कि कितने विश्वविद्यालय ने यह कोर्स शुरू किया या नहीं। इसके तहत विशेष पौधरोपण अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें एनएसएस के छात्रों की भी भूमिका रहेगी। इसके तहत पर्यावरण संरक्षण में अहम साबित होने वाले पौधों को ही रोपा जाएगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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