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यूपी में मॉडल स्कूलों का बदलेगा नाम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक व निजी भागीदारी के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले मॉडल स्कूल अब समाजवादी अभिनव विद्यालय के नाम से चलेंगे। इनमें ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। प्रमुख सचिव (माध्यमिक शिक्षा) जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है।
फैजाबाद व कानपुर मंडल के जनपदों में कोई भी मॉडल स्कूल स्वीकृत नहीं है, इसलिए फैजाबाद मंडल में सुल्तानपुर व कानपुर मंडल में कन्नौज को योजना में शामिल कर लिया गया है। विद्यालयों का स्वरूप पूरी तरह से राजकीय होगा। समाजवादी अभिनव विद्यालय योजना के तहत विद्यालयों का संचालन माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।
ये विद्यालय सीबीएसई से संबद्ध होंगे। इनमें हिंदी माध्यम से शिक्षा दिए जाने के साथ ही अंग्रेजी भाषा पर विशेष बल दिया जाएगा। विद्यालयों में सह-शिक्षा होगी तथा सीबीएसई व एनसीईआरटी के पाठयक्रम पर आधारित किताबें ही पढ़ाई जाएंगी। अभिनव विद्यालयों में प्रधानाचार्य व गैर शैक्षिक कर्मचारियों का चयन परीक्षा तथा साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। इसी प्रकार कक्षा छह से बारह तक संचालित होने वाले मॉडल विद्यालयों में दो-दो सेक्शन होंगे।
आरटीई के तहत विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक प्रति सेक्शन में 35 विद्यार्थी तथा आगे की कक्षाओं में प्रति सेक्शन में अधिकतम 40 विद्यार्थी होंगे। सेक्शन बढ़ाने के लिए शासन से अनुमति लेना जरूरी होगा। शैक्षिक सत्र 2016-17 में विद्यालयों को गैर आवासीय सह-शिक्षा विद्यालय के रूप में तथा अगले साल से आवासीय विद्यालय के रूप में संचालित किया जाएगा।
आरटीई के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों के प्रवेश के लिए टेस्ट नहीं लिया जाएगा। इनमें ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। कक्षा नौ व ग्यारह में विद्यार्थियों के प्रवेश चयन योग्यता परीक्षा के आधार पर होंगे।
योग्यता परीक्षा समाजवादी अभिनव विद्यालय चयन परीक्षा के नाम से होगी। परीक्षा का आयोजन प्रतिष्ठित व अनुभवी संस्था द्वारा किया जाएगा। परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार मेरिट लिस्ट के अनुसार होगा। बताया गया है कि साक्षात्कार के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें प्रमुख सचिव अध्यक्ष, राज्य परियोजना निदेशक आरएमएसए सदस्य, एससीईआरटी के निदेशक सदस्य, शिक्षा निदेशक सदस्य, ख्याति प्राप्त एक शिक्षाविद तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक सदस्य सचिव होंगे।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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