मुख्य समाचार
रहमतों का माह है रमजान
लखनऊ। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक, पवित्र रमजान का महीना अल्लाह की रहमतों व बरकतों से भरा हुआ है। अल्लाह ने पूरे रमजान महीने के रोजे हर मुसलमान पर फर्ज किए हैं। इस महीने नल का सवाब फर्ज के बराबर व फर्ज का सवाब सत्तर गुना ज्यादा होता है। मान्यता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खोल महीना अल्लाह ए जाते हैं और दोजख के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतानों को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है।
रमजान के बारे में पैगंबर-ए-इस्लाम फरमाते हैं कि अगर इंसान को यह मालूम होता कि रमजान क्या चीज है तो मेरी उम्मत यह तमन्ना करती कि पूरे साल रमजान हो। रमजान महीने का पहला अशरा (दस दिन) रहमत का, दूसरा अशरा मगफिरत व तीसरा अशरा दोजख से आजादी दिलाने का है।
लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के मौलाना फजलुर रहमान फरमाते हैं कि पवित्र रमजान माह में एक ऐसी रात होती है जो हजार महीनों से अफजल है। इसे शब-ए-कद्र की रात कहा जाता है। हदीस में कहा गया है कि शब-ए-कद्र को रमजान माह की आखिरी दस दिनों की ताक रातों 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं व 29वीं रात को तलाश करना चाहिए। अधिकांश आलिम 27वीं रब को शब-ए-कद्र मानते हैं।
मौलाना का कहाना है कि रमजान में रोजदारों को सहरी खाना चाहिए। अल्लाह व उसके फरिश्ते सहरी के खाने वालों पर दुरुद भेजते हैं। रोजा बदन की जकात है। हर मुसलमान रमजान में रोजा रखे और अल्लाह की इबादत करे।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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