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राजग में उठापटक, मांझी बोले- ‘मुझे चींटी समझने की गलती न करें पासवान’

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पटना। बिहार में राष्ट्रीय लोकत्रांतिक गठबंधन (एनडीए) में उठापटक तेज होती नजर आ रही है। बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष राम विलास पासवान पर निशाना साधा और कहा कि पासवान राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय नेता हैं, लेकिन उन्हें दूसरे के राजनीतिक करियर को कमतर नहीं आंकना चाहिए। यही नहीं मांझी ने यह भीकहा कि पासवान को केवल अपने परिवार की चिंता रहती है न कि दलितों की और वो उन्हें चींटी समझने की गलती न करें क्योंकि चींटी भी हाथी को परास्त कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले तीन सितंबर को पटना में संवाददाताओं ने पासवान से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मांझी के संदर्भ में सीटों के बंटवारे के बारे में पूछा था, क्योंकि दोनों के वोटबैंक लगभग एक ही हैं। तब पासवान ने कहा था कि “मांझी अभी राजग में ट्रायल में हैं और मैं राष्ट्रीय नेता हूं।” मांझी ने पासवान की इसी टिप्पणी पर मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में करारा जवाब दिया।

उन्होंने कहा, “पासवान राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय नेता हैं। लेकिन उन्हें दूसरे के राजनीतिक करियर को कमतर नहीं आंकना चाहिए।” मांझी और पासवान के बीच इस क्रिया-प्रतिक्रिया के बाद बिहार में अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भी दरार की संभावना दिखने लगी है। मांझी ने कहा कि पासवान दलितों का नेता होने का दंभ भरते हैं, लेकिन आज तक दलितों एवं गरीबों के हक में उन्होंने आवाज नहीं उठाई।

मांझी ने कहा, “मैं 1980 से राजनीति में हूं। इस क्रम में विधायक और मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा। पासवान राष्ट्रीय और बड़े नेता हैं, लेकिन जनता किसके साथ है, यह देखना होगा।” राजग में सीटों के बंटवारे के बारे में उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को ‘हम’ ने बिना शर्त समर्थन दिया है। मांझी जो कहता है, वही करता है।” मांझी ने पासवान से पूछा कि आखिर उनकी पार्टी में हर पद पर उनके बेटे, भाई या दामाद ही क्यों आसीन हैं।

माना जा रहा है कि बिहार के इन दोनों नेताओं के बीच चल रहे वाकयुद्ध में अगर भाजपा के नेताओं ने हस्तक्षेप नहीं किया तो इनमें दरार और गहरा सकती है। बताया जा रहा है कि मांझी, पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान के उन बयानों से भी नाराज चल रहे हैं जिसमें चिराग ने मांझी के पार्टी के कई नेताओं को गठबंधन से टिकट न देने की वकालत की है।

प्रादेशिक

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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