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प्रादेशिक

राजग सरकार हमेशा तत्पर रही है : राजनाथ

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कोलकाता,राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन,केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह,राजग सरकार,भारतीय जनता पार्टी

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कोलकाता | राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का एक साल पूरा होने पर जारी प्रगति रिपोर्ट की मुख्य बातों पर रोशनी डालते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि राजग सरकार के शासन में देश नीति-पक्षाघात के संकट से उबरा है और विश्व में भारत की सकारात्मक छवि बनी है। राजनाथ ने कहा, “राजग सरकार के एक साल के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहा कोई भी व्यक्ति खुद ही इस निष्कर्ष पर पहुंचेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है।”

उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति ‘उत्कृष्ट’ शब्द का प्रयोग नहीं कर रहा है, फिर भी वह इतना तो जरूर मानेगा कि पिछले साल में सरकार हमेशा काम की ओर तत्पर रही है।”  राजनाथ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर यहां प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,”यह तथ्य है कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के केंद्र में आने से न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में देश की विश्वसनीयता बढ़ी है।” कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल पर हमला बोलते हुए राजनाथ ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच देश ‘नीति-पक्षाघात’ का शिकार था, जिसने अर्थव्यवस्था को डगमगाया था और चारों ओर निराशा का माहौल बना दिया था।

उन्होंने कहा, “लेकिन आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म से लेकर स्थूल स्तर तक बड़ा बदलाव आया है।” उन्होंने कहा, संप्रग सरकार के दौरान वित्तीय घाटा और चालू खाता घाटा नियंत्रण से बाहर हो गया था, और सकल घेरलू उत्पाद (जीडीपी) पांच फीसदी पर ही स्थिर बनी रही थी। उन्होंने कहा कि अब जीडीपी बढ़कर सात फीसदी हो गई है। उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी तीन से चार सालों के अंदर देश जीडीपी दर में दोगुनी वृद्धि देखेगा।

गृहमंत्री ने कहा कि जी-20 देशों में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से विकास कर रही है। वित्तीय घाटा और चालू खाता घाटा अब नियंत्रण में और क्रमश: चार और 3.8 फीसदी पर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान रक्षा संबंधी प्रस्ताव और परियोजनाएं पास नहीं हुई थीं। लेकिन पिछले एक साल में 40 रक्षा प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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