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प्रादेशिक

राजस्थान : बिरमसर बना विवाद रहित गांव

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जयपुर| राजस्थान के बीकानेर जिले में पिछले महीने 18 मई से शुरू किए गए राजस्व लोक अदालत अभियान में अब तक 120 से अधिक ग्राम पंचायतों में आयोजित लोक अदालत शिविर बहुत कारगर साबित हुए। कमाल की बात तो यह है कि प्रकरणों के निपटारे से एक ग्राम पंचायत तो पूरी तरह विवाद रहित हो गई। इन शिविरों में वर्षो पुराने प्रकरणों का निस्तारण हो रहा है। अलग-अलग पक्षकारों को एक ही छत के नीचे बैठाकर राजीनामे के लिए प्रेरित किया जा रहा है। नोखा में लगे 20 लोक अदालत शिविरों में तो कमाल ही हो गया जब पूरी बिरमसर ग्राम पंचायत विवाद रहित बन गई। यहां कुल मिलाकर 19 प्रकरण ही थे, सभी प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत में कर दिया गया।

बीकानेर जिला मुख्यालय से 72 तथा नोखा से 12 किलोमीटर दूर स्थित बिरमसर ग्राम पंचायत क्षेत्र में करीब साढ़े चार हजार लोगों की आबादी है। ज्यादातर लोग खेतिहर किसान हैं। ग्राम पंचायत के लोगों के आपसी समन्वय व सद्भाव तथा जिला प्रशासन के सहयोग से यह पंचायत जिले की विवाद रहित पहली ग्राम पंचायत बन गई।

बीकानेर जिले के नोखा उपखंड क्षेत्र के रासीसर गांव में बीते बुधवार को आयोजित राजस्व लोक अदालत में एक प्रकरण का निपटारा 15 मिनट में ही हो गया। भूमि के बंटवारे का यह विवाद चनणाराम बिश्नोई के चार वारिसों में पिछले पांच वर्षो से चल रहा था। इसके चलते चनणाराम की 36 बीघा भूमि होने के बावजूद सभी वारिस सरकार की कृषि योजनाओं के लाभ से वंचित थे।

लोक अदालत शिविर में चनणाराम बिश्नोई का पुत्र कैलाश अपनी माता सुखी के साथ उपस्थित हुआ और गांव वालों व उपखंड अधिकारी के समझाने के बाद धनपत, सुखी, कैलाश और बनवारी लाल को यह बात समझ में आ गई कि लोक अदालत की भावना के तहत अगर हम विवाद को यहीं निपटा लेते हैं और अपने-अपने हिस्से की भूमि अपने-अपने नाम दर्ज करवा लेते हैं तो जमीन से समय-समय पर फसल लेकर आर्थिक स्थिति में गुणात्मक सुधार ला सकते हैं।

कैलाश बिश्नोई ने बताया कि उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के प्रयास रंग लाए और 15 मिनट में ही 36 बीघा भूमि का एक चौथाई हिस्सा उसके नाम हो गया।

कैलाश अपने नाम भूमि होने के बाद प्रफुल्लित मन से बोला कि अब वहां अपने हिस्से की भूमि में खेती करेगा तथा राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं के साथ फसल बीमा आदि के साथ-साथ राज्य सरकार की किसानों के लिए बीमा आदि योजनाओं का लाभ लेगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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