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राष्ट्रपति चुनाव : वेंकैया ने आंध्र के मुख्यमंत्री व पवार से बातचीत की
नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अभियान तेज कर दिया है।
वरिष्ठ भाजपा नेता एम.वेंकैया नायडू ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार तथा अपने सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की।
पवार तथा चंद्रबाबू के साथ नायडू की यह बातचीत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक से एक दिन पहले सामने आई है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा नायडू राष्ट्रपति उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने को लेकर सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि पवार ने नायडू से कहा है कि वह बातचीत के लिए अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रहेंगे, जबकि चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि उनकी पार्टी मुद्दे पर प्रधानमंत्री के फैसले के साथ खड़ी है।
वेंकैया नायडू अब तक कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राकांपा, तेदेपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा ऑल इंडिया कांग्रेस (एन.रंगासामी) के नेताओं से बातचीत कर चुके हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों के साथ राष्ट्रपति उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने को लेकर एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू तथा अरुण जेटली शामिल हैं। अरुण जेटली फिलहाल दक्षिण कोरिया में हैं और शनिवार सुबह लौटेंगे।
सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार सुबह राजनाथ तथा नायडू सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात करेंगे।
इसके बाद वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ बैठक करेंगे।
राष्ट्रपति पद के लिए राजग की तरफ से दौड़ में कई नाम हैं, जिनमें लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम सामने आ रहा है। भाजपा में यह भी चर्चा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुरली मनोहर जोशी के नाम की वकालत कर सकता है।
वहीं, विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विचार-विमर्श किया और अपनी रणनीति पर फैसला करने से पहले केंद्र सरकार द्वारा उम्मीदवार की घोषणा तक इंतजार करने का फैसला किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हाशिये पर डाल दिए गए असंतुष्ट नेता व लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को सबसे योग्य उम्मीदवार बताते हुए कहा कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और ‘संविधान की पेचीदगियों को समझने’ में सक्षम हैं।
सिन्हा ने ट्वीट किया, आडवाणी जी में सबसे बड़ी बात है कि वह संविधान की जटिलता को समझने में सक्षम हैं और जब फैसले लेने की जरूरत होती है, तो वह बिना किसी के प्रभाव में आए व्यापक देशहित में सही फैसला लेते हैं।
सिन्हा ने कहा कि आडवाणी (89) शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और पद के लिए बिल्कुल सही उम्मीदवार हैं तथा उनकी उम्मीदवारी के विरोध में किसी ने आवाज नहीं उठाई है।
सिन्हा ने कहा, किसी भी युवा नेता की तुलना में आडवाणीजी ज्यादा स्वस्थ व ऊर्जा से भरपूर हैं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य को बनाए रखा है, ताकि वह देश की जिम्मेदारी ले सकें।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सिन्हा को पार्टी में किनारे कर दिया गया। उन्हें मोदी के मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं दी गई, जबकि उन्होंने दावा किया कि वह काफी लंबे अरसे से पार्टी से जुड़े रहे हैं, तब से जब पार्टी के लोकसभा में मात्र दो सांसद थे।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सिन्हा ने जनता दल (युनाइटेड) तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में टिप्पणियां की थीं। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित बिहार भाजपा के नेताओं के साथ भी उनके संबंध अच्छे नहीं हैं।
सिन्हा ने मंगलवार को आडवाणी को भाजपा का ‘पितामह’ करार देते हुए कहा कि वह देश का राष्ट्रपति बनने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं।
आडवाणी से उनकी नजदीकियों को पार्टी में उनके किनारे होने का एक कारण माना जा रहा है।
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महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?
अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।
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