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राष्ट्रपति ने सम्मान वापसी को बताया गलत

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नई दिल्ली। देशभर में असहिष्णुता को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अहम बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि सम्मान पाने वालों को इसकी अहमियत समझनी चाहिए और इसकी कद्र करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवॉर्ड किसी शख्स को उसके काम को देखकर सम्मान के तौर पर दिया जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि कभी-कभी समाज में घट रही घटनाओं को लेकर संवेदनशील लोगों को परेशानी होती है लेकिन ऐसे हालात में भावना में बहकर तर्क को नहीं छोड़ना चाहिए।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रेस कौंसिल आफ इंडिया द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ समाज में कुछ घटनाओं से संवेदनशील लोग कई बार व्यथित हो जाते हैं लेकिन इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता का इजहार संतुलित होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा, ”इस तरह के अवॉर्ड प्रोफेशन में कड़ी मेहनत, टैलेंट और मेरिट के एवज में मिलते हैं। इन अवॉर्ड्स को पाने वालों को इनकी वैल्यू समझनी चाहिए और इनकी कद्र करनी चाहिए।’’

‘विचार की अभिव्यक्ति के माध्यम के तौर पर कार्टून और रेखाचित्र का प्रभाव’ विषय पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा, एक गौरवान्वित भारतीय के तौर पर, हमारा संविधान में उल्लिखित भारत के विचार, मूल्यों तथा सिद्धांतों में भरोसा होना चाहिए।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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